MP News : मध्यप्रदेश के किसानों को बकाया कर्ज से राहत देने की तैयारी,  ब्याज माफ करेगी सरकार

MP News: Preparation to give relief to the farmers of Madhya Pradesh from the outstanding loan, the government will waive the interest

MP Former News: बैतूल। मध्यप्रदेश में किसानों को बकाया कर्ज में जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव के पहले सरकार  प्रदेश के 11 लाख किसानों को दो हजार 415 करोड़ रुपये की ब्याज माफी देने की तैयारी कर रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो यह भी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक होगा।
सरकार उन किसानों को कर्ज में राहत देने की तैयारी कर रही है जिनके द्वारा तय समयावधि में कर्ज अदा नहीं किया है और डिफाल्टर हो चुके हैं। ऐसे किसानों पर   ब्याज सहित 6082 करोड़ रुपये बकाया है। जिसमें ब्याज की ही राशि 2415 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
सहकारिता विभाग ने ब्याज माफी योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है और सहकारिता विभाग के मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का अनुमोदन भी मिल गया है। योजना में वे किसान पात्र होंगे, जिन्होंने दो लाख रुपये तक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से कर्ज लिया था। योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के  बाद लागू किया जाएगा। प्रदेश में प्रतिवर्ष 4,536 सहकारी समितियों से किसान खरीफ और रबी फसलों के लिए अल्पावधि कर्ज लेते हैं। तय समय पर कर्ज अदा करने वालों को सरकार बिना ब्याज के उपलब्ध कराती है।
खरीफ फसल के लिए लिया गया कर्ज 28 मार्च और रबी फसल के ऋण को 15 जून तक जमा।करना होता है। यह अवधि बीतने पर 13 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलने का प्रावधान है। इसकी गणना ऋण लेने के दिनांक से की जाती है।

मार्च 2023 तक कर्ज नही चुकाने वाले किसानों को मिलेगा लाभ

 सरकार की ब्याज माफी योजना का लाभ 31 मार्च 2023 तक जिन्होंने कर्ज नहीं चुकाया है, उन्हें मिलेगा। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर समिति बनेगी। किसानों की सूची समिति स्तर पर जारी होगी। दावे-आपत्ति लिए जांएगे और कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति से अनुमोदन के बाद सूची अपेक्स बैंक को भेजी जाएगी। यहां परीक्षण करने के बाद आयुक्त सह पंजीयक सहकारी संस्थाएं के माध्यम से प्रस्ताव शासन भेजा जाएगा। ब्याज की राशि मिलने के बाद सहकारी समितियां ब्याज माफी के प्रमाण पत्र जारी करेंगी।

कर्ज माफी के चक्कर में हो गए डिफाल्टर

मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 में कांग्रेस सरकार ने दो लाख रुपये तक किसानों की कर्जमाफी योजना लागू की थी। इसके कारण किसानों ने कर्ज अदायगी बंद कर दी। एक लाख रुपये तक कर्ज माफी के दूसरे चरण के आरंभ में ही मार्च 2020 में सरकार अल्पमत में आ गई और कमल नाथ को मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देना पड़ा। इसके बाद कर्ज माफी योजना ठंडे बस्ते में चली गई। जिन किसानों ने कर्ज माफी की आस में कर्ज नहीं चुकाया, वे अपात्र हो गए और उन्हें समितियों से बिना ब्याज का कर्ज मिलना बंद हो गया। खाद-बीज भी निजी विक्रेताओं से लेना पड़ रहा है, जो महंगा पड़ता है।
इन्हें फिर से सरकार की योजना का लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्याज माफी देने की घोषणा की थी। वर्ष 2023-24 के बजट में इसके लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यदि सरकार ने यह योजना मंजूर कर दी तो किसानों को बड़ी राहत मिल जाएगी और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका लाभ भी मिल सकता है।

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