MP News : किसानों के लिए खुशखबरी; 1 अप्रैल से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी

MP News: Good news for farmers; Wheat choice price support will start from April 1

MP News –Former –बैतूल। मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से 15 मई तक किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी की जाएगी। खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। किसानों को उपार्जन केन्द्रों पर सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिवहन में होने वाले खर्च और असुविधा को देखते हुए खरीदी केन्द्र गोदाम परिसर में ही खोले जाने का प्रयास किया जाए।
प्रत्येक तहसील में कम से कम एक केन्द्र अवश्य हो। एक केन्द्र पर 200 से 750 तक कृषकों की संख्या के मान से केन्द्र खोले जाएं। कृषकों को सामान्यत: 25 किलोमीटर से अधिक दूरी पर न जाना पड़े यह भी प्रयास किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि स्व-सहायता समूह के माध्यम से खरीदी कराने से पूर्व स्व-सहायता समूह के संबंध में जिला पंचायत से समूह के संबंध में विस्तृत जानकारी अवश्य प्राप्त की जाए।

2125 रूपये है समर्थन मूल्य

इस वर्ष गेहूँ का समर्थन मूल्य 2125 रूपए निर्धारित किया गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदने की सभी व्यवस्थायें समय रहते पूर्ण कर ली जाएँ। खरीदी केन्द्र पर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक खरीदी केन्द्र गोदाम स्तर पर बनें यह भी प्रयास किया जाए।
प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने गत दिवस अधिकारियों की बैठक में स्पष्ट किया कि खरीदी केन्द्र पर अगर किसी कारण से खरीदी निरस्त की जा रही है तो उसे पोर्टल पर दर्शाना अनिवार्य है। बिना पोर्टल पर दर्शाए किसी भी केन्द्र पर खरीदी निरस्त नहीं की जा सकती है। प्रदेश के बाहर से खरीदी केन्द्र पर अनाज न आए, इसके लिये उड़नदस्ते का गठन तथा नाकों पर निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कलेक्टरों से अपेक्षा की कि खरीदी केन्द्र पर किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए सभी आवश्यक प्रबंधन किए जाएं। छाया – पानी के साथ-साथ खरीदी के लिये जो भी आवश्यक उपकरण हैं वह भी खरीदी केन्द्र पर हों, यह भी विभागीय अधिकारी सुनिश्चित करें।

किसानों का सत्यापन किया जाए

एमडी नागरिक आपूर्ति निगम तरुण पिथोड़े ने कलेक्टरों से अपेक्षा की है कि वे कृषक पंजीयन के सत्यापन की समीक्षा करने के साथ ही सत्यापन उपरांत किसानों की सूची ग्राम में चस्पा कराने की व्यवस्था करें। इसके साथ ही परिवहन की कार्ययोजना की भी समीक्षा करें। इसके साथ ही उपार्जन केन्द्र पर भौतिक सुविधायें एवं मानव संसाधन की उपलब्धता का भी सत्यापन अवश्य कराएं। किसानों एवं उपार्जन केन्द्र तथा संबंधित संस्थाओं के भुगतान की साप्ताहिक समीक्षा भी हो।

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