Blind Murder:पत्‍नी को पड़ोसी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख पति ने हत्या कर पलंग पेटी में जलाया था शव

पुलिस ने सुलझाई अबूझ पहेली, अंधे कत्ल का किया खुलासा, हत्यारे ने ही परिजनों को दी धुंआ निकलने की सूचना


बैतूल। मुलताई थाना क्षेत्र के ग्राम हिवरखेड में पहली बने हत्याकांड का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। गौरतलब है कि विगत दिनों हिवरखेड़ में हत्या कर शव को पलंग पेटी में जलाने की सनसनीखेज वारदात हुई थी। यह हत्याकांड पुलिस के लिए अबूझ पहेली बन चुका था। हादसे के दौरान पुलिस को हिवरखेड़ में पलंग पेटी में मिला जला हुआ शव में मात्र कुछ हड्डियां एवं राख ही मिली थी तथा शव पूरी तरह से जल चुका था। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट नही हो पा रहा था कि आखिर शव बलराम का ही है या अन्य किसी का। पुलिस द्वारा इसके लिए शव के अवशेष डीएनए टेस्ट के लिए भोपाल भेजे गए थे। पुलिस ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम से मौके का मुआयना कराया था, इसके बाद पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा था। यह खौफनाक हत्याकांड अवैध संबंधों के चलते किया गया था।

पुलिस के अनुसार आरोपी बबलू ने बताया कि मृतक बलराम चार माह पूर्व गुजरात से गांव आया था तथा विगत डेढ़ माह से अकेला रह रहा था। बबलू की पत्नि से बलराम बातचीत करता था जिससे उसे शक हुआ लेकिन शक उस समय यकीन में बदल गया जब उसने दोनों को साथ में देख लिया। इसके बाद बबलू ने बलराम के घर में घुसकर उसकी हत्या कर दी तथा यह आत्महत्या लगे इसलिए उसका शव पूरी तरह जलाने का प्रयास किया।

त्या करने वाले बबलू ने दी मृतक के पिता को खबर

हत्या के इस पेचीदे मामले में हत्या कितने सुनियोजित तरीके से की गई इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रात में हत्या करने के बाद बबलू ने मृतक बलराम के पिता जो सावंगी जोड़ पर रहता था उसे सुबह स्वयं खबर दी कि बलराम का जला हुआ शव घर में है। इस पर रमेश घटना स्थल पर पहुंचा तथा फिर इसकी सूचना मासोद चौकी को दी गई। पूरे मामले में आरोपी बबलू द्वारा रात में हत्या करने के बाद पूरी रात शव को जलाकर खाक कर दिया गया ताकि कोई सबूत नही मिल सके एवं जब शव पूरी तरह जल गया तो इसकी सूचना उसके पिता को दी गई। इसके बावजूद वह पुलिस से नही बच सका।

लोहे के बत्ते से की हत्या कर आईल से जलाया

पुलिस ने बताया कि आरोपी बबलू ने पहले मृतक बलराम के कमरे में जाकर लोहे के बत्ते से वार कर उसका काम तमाम कर दिया गया। इसके बाद उसनें वहां रखी पलंग पेटी से बिस्तर एवं बर्तन आदि निकालकर खाली करके शव उसमें डाल दिया। इसके बाद उसने ट्रेक्टर से निकले हुए आईल को शव पर डालकर जला दिया गया। बाहर धुंआ नही दिखे इसलिए पलंग पेटी के अंदर शव डाला गया। इसके साथ ही उसने अन्य ज्वलशील वस्तुएं भी डाली गई ताकि शव जल्दी जल जाए।

टूटे हुए ताबिज एवं छल्ले से हुई शिनाख्त:

पुलिस ने बताया कि हिवरखेड़ में पलंग पेटी में मिले जले हुए शव के अवशेष से पहले तो यह शिनाख्त करना भी मुश्किल था कि शव बलराम का ही है या अन्य किसी का है। लेकिन मृतक के पिता रमेश गायकवाड़ ने  शव के पास मिले टूटे ताबिज, बाजू बंध ताबिज तथा छल्ले से शव की शिनाख्त उसके पुत्र बलराम के तौर पर की गई। पुलिस के अनुसार डीएनए टेस्ट के लिए भी अवशेष भिजवाए गए हैं जिसकी रिपोर्ट अभी तक नही मिली है।

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