Tarchaer: जब उठाया नही तो लापता युवकों को क्यों नहीं खोज पा रही स्मार्ट पुलिस

Tarchaer: जब उठाया नही तो लापता युवकों को क्यों नहीं खोज पा रही स्मार्ट पुलिस
पूर्व सांसद ने परिजनों से मिलकर जांच कराने का भरोसा दिलाया
बैतूल।
नगर के संजय कालोनी क्षेत्र के तीन लोग एक फरवरी से गायब हो गए थे। परिवार के लोग कह रहे कि पुलिस लेकर गई थी, पर पुलिस इंकार कर रही है। अब सवाल यह है कि पुलिस नही ले गई थी तो उनमें से एक की जिला अस्पताल में मौत की खबर परिजनों को पुलिस ने घर आकर देने की जहमत क्यों उठाई ?
यदि पुलिस बड़ी संवेदनशील है तो एक फरवरी से जो गायब हैं उनको क्यों तलाश नही पा रही है, क्यों परिजनों को धमकाया जा रहा है। शिक्षक लल्लू माथनकर की मौत को लेकर कटघरे में खड़ी पुलिस हर सवाल से अपना पल्ला झाड़ रही है। जबकि भाजपा, कांग्रेस के साथ परिजन और वार्ड के लोग सारी हकीकत जान रहे हैं।
लापता युवकों के परिजन चीख–चीखकर पुलिस के टार्चर और मनमानी को बता रहे हैं, पर स्मार्ट वर्किंग का प्रचार करने वाली पुलिस सिर्फ जांच की बात कर रही है। लोगों में यह चर्चा चल रही है कि पुलिस ने लापता दोनो युवकों को कहीं छुपा कर रखा है और पिटाई में घायल होने के कारण उनका इलाज करवा रही है।
पिता का आरोप :पुलिस उठाकर ले गई
 
मांझी नगर निवासी पप्पू कवड़े का आरोप है कि उनका बेटा पंकज कवड़े  एक फरवरी से लापता है।  पुलिस उनके बेटे को  चोरी के मामले में उठाकर लाई थी और  पुरानी गंज चौकी में रखा था।  बेटे को टिफिन देने रोज जाते थे और मंगलवार सुबह भी वह अपने बेटे को टिफिन देने गए थे।  बुधवार सुबह मेरे बेटे के मोबाइल से कॉल आया जिसमें बेटे ने बताया कि कहा पापा मैं नागपुर में हूं। एक-दो दिन में आ जाऊंगा। मुझे पुलिस वालों ने छोड़ दिया है।पप्पू कवड़े ने बताया कि मृतक लल्लू माथनकर को पुराने पुलिस चौकी भवन में देखा था। उसके पैर सूजे थे। उसको कब उठाया था यह नहीं पता लेकिन  शुक्रवार और शनिवार को पुलिस चौकी भवन में देखा था।
आखिर कहां है पंकज:
इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि पंकज को पुलिस ने जब पकड़ा ही नही था तो वह पुरानी गंज चौकी में कैसे बंद था। बंद किया था तो कब छोड़ दिया। छोड़ भी दिया तो वह  अपने घर पहुंचकर सीधे नागपुर कैसे पहुंचे गया ?
कांग्रेस और भाजपा पहली बार पुलिस के विरोध में: 
शिक्षक की मौत और दो युवकों के गायब होने के मामले में पहली बार भाजपा और कांग्रेस पुलिस के विरोध में नजर आ रही है। अब तक अन्य मामलों में दबे स्वर में पुलिस की कमी पर सवाल उठाकर चुप्पी साधने वाले दोनों प्रमुख दलों के द्वारा पहली बार सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

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