स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों को राष्ट्रीय पर्व में बुलाना भूल रहा प्रशासन
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पुत्र रमेश भाटिया बोले: आजादी दिलाने वालों का सम्मान क्यों नहीं?
बैतूल। जिला मुख्यालय पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के आयोजनों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके परिवारों को सम्मानपूर्वक बुलाने की परंपरा अब प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो चुकी है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ब्रजलाल भाटिया के पुत्र रमेश भाटिया ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले सात वर्षों से किसी भी राष्ट्रीय समारोह में सेनानियों के परिवारों को आमंत्रित नहीं किया जा रहा है।
रमेश भाटिया ने बताया कि उनके पिता ब्रजलाल भाटिया ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अब्दुल गफ्फार खान के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन अब इन सेनानियों और उनके परिवारों को पूरी तरह से भूल चुका है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से हर राष्ट्रीय पर्व पर सेनानियों, उनकी विधवाओं और परिवारों को आमंत्रित किया जाता था, लेकिन अब यह परंपरा खत्म हो गई है। रमेश भाटिया ने बताया कि इस लापरवाही को लेकर उन्होंने तीन कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा और हर बार आश्वासन मिला कि अगले समारोह में उन्हें सम्मानपूर्वक बुलाया जाएगा। बावजूद इसके, पिछले स्वतंत्रता दिवस और इस गणतंत्र दिवस के लिए भी कोई निमंत्रण नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक अधिकारियों की पंगुता और संवेदनहीनता को दर्शाता है। उन्होंने कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी से अपील की है कि कम से कम उन सेनानियों और उनकी विधवाओं को जरूर बुलाएं, जिनके संघर्ष और बलिदान से आज देश आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को यह महसूस होना चाहिए कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान अब भी किया जाता है। रमेश भाटिया ने कहा कि प्रशासन को समझना चाहिए कि आजादी दिलाने वाले सेनानियों का योगदान ही आज के लोकतांत्रिक और प्रशासनिक ढांचे की नींव है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सेनानियों और उनके परिवारों को इन राष्ट्रीय आयोजनों में बुलाकर सम्मान दें और इस परंपरा को पुनर्जीवित करें।