hunger strike : प्रधानमंत्री आवास के लिए भूख हड़ताल पर बैठा गरीब परिवार
सरकारी जमीन पर स्वीकृत हुए प्रधानमंत्री आवास को अतिक्रमण बताकर प्रशासन ने काम बंद किया
बैतूल। जनपद पंचायत आठनेर अंतर्गत आने वाले ग्राम एनखेड़ा के खापा में एक गरीब परिवार प्रधानमंत्री आवास की मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गया। माता-पिता के साथ उनके बच्चे भी भूख हड़ताल में बैठ गए। लेकिन शनिवार देर शाम तक इस गरीब परिवार की सूध लेने कोई भी आला अधिकारी नहीं पहुंचे।
ग्राम पंचायत के सांस्कृतिक मंच पर ही भूख हड़ताल का बैनर लगाकर हड़ताल में बैठे हीरालाल पिता नारायण पातुलकर ने बताया कि वे बेहद गरीब हैं। मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। बेहद जर्जर झोपड़ीनुमा कच्चा मकान में परिवार सहित बमुश्किल से रह पाते हैं। लेकिन इनके दर्द पर मरहम लगाने जिम्मेदार अफसरों ने अभी तक जानकारी नहीं ली है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा मेरे नाम से प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृत मिली थी। बावजूद इसके योजना का लाभ नहीं मिला। हीरालाल का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना सरकार की एक बड़ी और महत्वपूर्ण योजना है। योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवार के लोगों को घर उपलब्ध करवाना। लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। बल्कि इस योजना के जरिए आला अफसर भ्रष्टाचार कर मोटी रकम कमाने में लगे। इसी का नजीता है कि यह परिवार अपने हक का घर पाने के लिए पूरे परिवार के साथ भूख पर बैठे हुए हैं।
— live daily khabar (@livedailykhabar) February 25, 2023
तहसीलदार ने करवाया काम बंद
हीरालाल ने बताया कि वह ग्राम खापा का निवासी है। उन्होंने कई बार प्रधानमन्त्री योजना का लाभ लेने और पट्टे के लिए भी प्रयास किया, पंचायत में भी पट्टे की मांग की गई लेकिन उन्हें पट्टा नहीं दिया गया। उन्होंने इसकी सूचना लिखित आवेदन के माध्यम से आठनेर जनपद पंचायत सीईओ व तहसीलदार आठनेर को भी दी जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने जिस स्थान पर पहले उनकी झोपड़ी हुआ करती थी वहीं मकान बनाना प्रारंभ किया। गढ्ढे की खुदाई होने के बाद तहसीलदार व पंचायत ने अवैध अतिक्रमण बता कर काम बंद करा दिया।
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अन्य लोगों को बगैर पट्टे प्रदान कर दी अनुमति
हीरालाल ने आरोप लगाया कि पंचायत एनखेड़ा में प्रधानमन्त्री आवास योजना में दो मकान पास हुये थे।दोनों की प्रथम किस्त भी साथ में आई। शासकीय भूमि पर पंचायत ने बगैर पट्टे अनुमति प्रदान कर दी, जहां पर मकान बन रहा है। लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा उनके साथ आपसी मतभेद करते हुए प्रधानमन्त्री आवास योजना में मकान बनाने नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में हीरालाल ने बैतूल कलेक्टर एवं तहसीलदार को एक आवेदन प्रेषित कर कहा कि इस आंदोलन के दौरान उनके साथ या उनके परिवार के साथ कोई घटना घटित होती हैं तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।