लाखों का फर्जी भुगतान मामला, भीमपुर जनपद सीईओ और एई की होगी विभागीय जांच
भीमपुर जनपद का मामला,

बैतूल। मनरेगा योजना में भीमपुर जनपद की विभिन्न पंचायतों में लाखों रुपए का फर्जी रूप से भुगतान करने के मामले में जब लगातार शिकायतें हो रही हैं तब कारवाई करने का आश्वासन दिया जा रहा है। पंचायतों में निर्माण सामग्री का फर्जी भुगतान करने के लिए सबसे पहले जनपद पंचायत भीमपुर में पदस्थ सहायक लेखा अधिकारी की सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। जनपद पंचायत भीमपुर की सीईओ और एई के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा रही है। जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा दावा कर रहे हैं कि इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
दरअसल भीमपुर जनपद पंचायत की पांच ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत उपयंत्री के मूल्यांकन और सहायक यंत्री के सत्यापन के बिना ही सचिव की मिलीभगत से भुगतान करा दिया गया है। जनपद पंचायत भीमपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा 14 दिसंबर 2022 को सहायक लेखा अधिकारी गोविंद सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि विभिन्न ग्राम पंचायताें में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के मूल्यांकन एवं सत्यापन के बिना सामग्री भुगतान हेतु बिलों को कार्यक्रम अधिकारी के लागिन पर प्रेषित किया गया है। जो कि मनरेगा के प्रविधानाें के अनुरूप नही है। कार्यक्रम अधिकारी की लागिन (सेकंड सिग्नेचर) में बिल प्रदर्शित नही होते हैं। सहायक लेखा अधिकारी के द्वारा प्रेषित किए गए एफटीओ का भुगतान कर दिया गया।
संबंधित ग्राम पंचायतों के उपयंत्रियों के द्वारा लिखित में इस फर्जीवाड़े की शिकायत की गई। इस शिकायत के आधार पर ग्राम पंचायत रतनपुर में 15 मई 2022 से लेकर 25 जुलाई 2022 के मध्य 10 लाख 74 हजार 796 रुपये का फर्जी भुगतान पाया गया। इसके अलावा ग्राम पंचायत मोहटा में 14 जुलाई 2022 को 10 एफटीओ के माध्यम से एक लाख 79 हजार 594 रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया। ग्राम पंचायत उत्ती में 2 जून 2022 से लेकर 4 सितंबर 2022 के मध्य दो लाख 80 हजार 646 रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया। ग्राम पंचायत चांदू में 4 लाख 50 हजार रुपये, ग्राम पंचायत कामोद में 84 हजार 308 रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया। मामले में अब तक सिर्फ कागजी कारवाई हो रही है। जिससे यह लग रहा है कि अन्य मामलों की तरह यह भी फाइल में दफन ना हो जाए।