Education: शिक्षा संकट! 15-20 साल से संचालित स्कूलों पर लटकी तालाबंदी की तलवार

संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन,शिक्षा मंत्री की चुप्पी से गुस्साए संचालक


बैतूल। जिले के 10 ब्लॉकों के अशासकीय स्कूल संचालकों ने मान्यता नवीनीकरण को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। बीते 15-20 वर्षों से संचालित इन स्कूलों पर तालाबंदी का खतरा मंडरा रहा है, जिससे सैकड़ों शिक्षक बेरोजगार होने की कगार पर हैं। वहीं, इन संस्थानों में पढ़ने वाले लाखों बच्चे सीमित संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो सकते हैं।
संचालकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री से कई बार इस विषय पर जवाब मांगा गया, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसी के विरोध में जिले के सभी अशासकीय स्कूलों को एक दिन के लिए बंद रखा गया। संचालकों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो भविष्य में और भी बड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं।
– संचालकों की ये हैं प्रमुख मांगें
मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए नए नियमों को संचालकों ने अनुचित बताते हुए विरोध जताया है। उनका कहना है कि 50 हजार रुपये की एफडी, 12 हजार रुपये अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन शुल्क, शाला भवन के रजिस्टर्ड किरायनामे के दस्तावेजों की अनिवार्यता, अशासकीय स्कूलों पर नगर परिषद टैक्स, डायवर्सन टैक्स, राजस्व टैक्स, कमर्शियल रेट पर बिजली शुल्क जैसे नियम थोपे जा रहे हैं, जबकि इन स्कूलों की कोई निश्चित आमदनी का स्रोत नहीं है।
संचालकों ने कहा कि निशुल्क शिक्षा का अधिकार होने के बावजूद मान्यता नवीनीकरण में नई गाइडलाइन लाकर उन पर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है। इसके अलावा, शिक्षकों के लिए डीएलएड, डीएड, बीएड की अनिवार्यता लागू कर दी गई है, जबकि पूरे जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश में भी इतने प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। संचालकों का कहना है कि शिक्षा विभाग के ये नए नियम निजी स्कूलों को बंद करने की साजिश का हिस्सा लगते हैं। अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो मजबूरन संचालकों को अपने स्कूलों पर ताले लगाने पड़ेंगे, जिससे लाखों बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में विजय सोलंकी, पारस भोपते, दीप मालवीय, हरीश जैन, दीपक नीमगढे, विजय काले, नितेश साहू, शिवदास छेरकी, जितेन्द्र मोहबे, संजय दरवाई राजेश पवार, करण सोनी, रोबिन सिंह, एके यादव, सुनीता पांडे, संजीवन मंजुल, टीआर मालवीय, जयप्रकाश साहू, भरत झारिया, श्याम सूर्यवंशी, दीनानाथ सहित दिव्यज्ञान स्कूल संचालक एवं अन्य निजी स्कूल संचालक उपस्थित थे।

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