Drama Workshoup : नाटक और संगीत का प्रारंभ ध्यान से है:नरेंद्र ठाकुर

Drama Workshop: Drama and music start with meditation: Narendra Thakur

पांचवे दिन रंगकर्मी एवं खेल प्रशिक्षक ने विद्यार्थियों को दिया मार्गदर्शन

बैतूल। स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप एवं आरंभ थिएटर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के पांचवे दिन शुक्रवार को मुख्य अथिति के रूप में रंगकर्मी दिनेश जोसेफ एवं शब्द संस्था के संयोजक नरेंद्र ठाकुर, संदीप कौशिक, श्रीमति प्रतिष्ठा भारद्वाज, एमए म्यूजिक वोकल उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्र-छात्राओं को रंगमंच की बारिकियों और लोक कलाओं और संगीत विधा की विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम का संचालन संदीप कौशिक ने किया, उन्होंने अतिथियों का परिचय करवाया। अतिथियों ने कार्यशाला में उपस्थित सभी विद्यार्थियों की एकाग्रता एवं जागरूकता की प्रशंसा की। इस अवसर पर रंगकर्मी दिनेश जोसेफ ने कहा कि जीवन ही एक रंगमंच है, नाटक में कलाकार को पात्र की भूमिका निभाना पड़ता है, जिसका भी रोल करें उसकी पूरी जानकारी रहना चाहिए।

संस्था के संयोजक नरेंद्र ठाकुर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नाटक और संगीत का प्रारंभ ध्यान से होता है, ध्यान से आत्मविश्वास बढ़ता है भारतेंदु मंडल के अन्य साहित्यकारों ने गायकी सहित अन्य विधाओं की अपेक्षा नाटक विधा पर जमकर लिखा और उन्हें आशातीत सफलता भी मिली। संस्कृत साहित्य में समृद्धि नाट्य परंपरा थी लेकिन हिंदी नाटक का विकास आधुनिक युग से ही संभव हो सका है।

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अवसाद को दूर करती है संगीत और नाट्यकला

कार्यक्रम का संचालन कर रहे संदीप कौशिक ने कहा कि संगीत, नृत्य और नाट्यकला हमारे जीवन को जीवंत तथा ऊर्जावान बनाकर इसकी पूर्णता को और अधिक बढ़ाते हैं। नाटक हमारे जीवन में सद्भाव लाते हैं तथा निराशा व अवसाद को दूर कर हमारे आत्मबल को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में संगीत और नृत्य की शानदार परंपरा है। भारत के नृत्य, संगीत और नाटक की विविध कला हमारी सभ्यता दर्शन, सद्भाव, एकता तथा एकजुटता जैसे मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह दे रहे प्रशिक्षण

वर्कशॉप में इंद्रकला संगीत विश्विद्यालय से एमए थिएटर सोनू कुशवाहा बैतूल और बीपीए थियेटर मनमोहन कासदे कोदारोटी, बैतूल से साहिल खान, जय खातरकर, सेलगांव से नीरज कुम्भारे और राजेश कवड़े लोकनृत्य प्रशिक्षण दे रहे हैं। वर्कशॉप के इन पांच दिनों में फिजिकल एक्सरसाइज, मेडिटेशन, वॉयस एंड स्पीच, लोकनृत्य और बेसिक एक्टिंग स्किल्स पर काम करवाया जा रहा है।

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