Betul News : जिस पद पर नियुक्ति, उसी पद पर रिटायर होने को मजबूर शिक्षक

Teacher forced to retire on the post on which he was appointed

विधानसभा चुनाव से पहले पुराने नियमित शिक्षकों ने पदोन्नति पदनाम आदेश देने की लगाई गुहार

बैतूल। 35 से 40 साल तक सेवा देने के बाद सैकड़ों शिक्षक और सहायक शिक्षक हर साल बगैर पदोन्नति के सेवानिवृत्त होने को मजबूर हैं। प्रदेश के शिक्षक मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में पदनाम के लिए तरस रहे हैं। जिस पद पर नियुक्त हुए थे उसी से सेवानिवृत्त हो रहे हैं लेकिन पद में कोई बदलाव नहीं हो रहा। जबकि पदनाम देने में सरकार पर आर्थिक भार शून्य है। सरकार पदोन्नति और पदनाम के आदेश जारी कर शिक्षकों को सम्मानित करे जिसके वे हकदार हैं।

यह बात समग्र शिक्षक व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ के प्रदेश महामंत्री नारायण सिंह ने भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री मधुकर साबले को प्रेषित अनुरोध पत्र में कही है। शिक्षक नेता नारायण सिंह नगदे ने कहा है कि इस अनदेखी का दंश झेल रहे प्रदेश के शिक्षक पदनाम के लिए सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री खुद भी कई बार मंच से शिक्षकों को पदनाम देने की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन पदनाम नही दिया जा रहा है।


श्री नगदे ने बताया कि प्रदेश के शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने
मप्र राज्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसोदिया, महामंत्री हेमंत श्रीवास्तव के मुख्य नेतृत्व में राज्य मंत्री दर्जा रमेश चंद शर्मा से मुलाकात कर रोष व्यक्त किया है। इसके पहले भी प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने रमेश चंद शर्मा एवं विभाग के प्रमुख अधिकारियों से मिलकर दर्जनों बार मुख्यमंत्री व स्कूल शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंप चुके हैं, कई बार शिक्षक संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं जिसको लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी उनके विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज बुधनी में शिक्षक के विशाल महासम्मेलन में शिक्षक को पदोन्नति पदनाम देने की 23 दिसंबर 2017 को बड़ी घोषणा कर चुके हैं, लेकिन विगत 6 वर्षों में भी शिक्षक की यह मांग पूरी नहीं हुई।

शिक्षकों ने पुनः विधानसभा चुनाव से पहले इस मांग को पूरी करने की गुहार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं स्कूल शिक्षा विभाग जनजाति कार्य विभाग के प्रमुख सचिव से राजधानी में पहुंचकर लगाई है। शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल में देवास से अशोक बुनकर, विमल राठौर, सागर से-राकेश श्रीवास्तव, अवधेश उपाध्याय,कवीन्द्र दुबे,शेखर सैन, राजगढ़ से गोविंद शर्मा, शाजापुर से लोकेन्द नागर, बैतूल शिक्षक महासंघ के जिलाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री नारायण सिंह नगदे, राजेंद्र मालवीय उपस्थित थे। मप्र राज्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसोदिया, महामंत्री हेमंत श्रीवास्तव के मुख्य नेतृत्व में भारतीय मजदूर संघ, वल्लभ भवन मंत्रालय को ज्ञापन सौंपकर जनजाति कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग हेतु शासन के प्रमुख सचिव को भी ज्ञापन सौंपा।

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