MP Board Exam:10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक, 9 केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष सस्पेंड
MP Board Exam: Paper leak of 10th and 12th board exam, 9 chief graders and assistant chief graders suspended
MP Board Paper Leak Case: MP News। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिमं) के 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को लेकर प्रदेश के चार जिलों के नौ केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्षों को भूमिका संदेह जनक पाई गई है। मंडल ने छह सदस्यीय समिति गठित कर जांच कराने के बाद 9 को सस्पेंड करने की कारवाई कर दी है।
मंडल ने गुरुवार को लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआइ) के आयुक्त अभय वर्मा को केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्षों पर कार्यवाही के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद आयुक्त ने चार परीक्षा केंद्रों के नौ प्राचार्य समेत शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया है।
आयुक्त ने ग्वालियर के प्राचार्य हुकुम चंद्र लाचौरिया व विवेक कुमार लिटौरिया, बड़वानी के बलसिंह चौहान व दिलीप सिंह अवास्या, रायसेन के रमाशंकर अहिरवार व निर्भय सिंह मवेदी, राजगढ़ में रेखा बैरागी, धनराज पाटीदार व रामसागर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है।
अभी तक परीक्षा के प्रश्न-पत्र परीक्षा केंद्र के नजदीकी थानों में जमा रहते हैं। परीक्षा केंद्र की दूरी के अनुसार प्रश्न-पत्रों को परीक्षा शुरू होने के एक घंटा या डेढ़ घंटा पहले कलेक्टर प्रतिनिधि की उपस्थिति में केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष थाने से पेपर निकालकर परीक्षा केंद्र तक ले जाते है, लेकिन परीक्षा के पहले ही यह प्रश्न-पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगती थी।
उल्लेखनीय है कि मंडल की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा एक व दो मार्च से शुरू हुई है जिसमें 19 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं।
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इस मामले के सामने आने के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर कहा है कि 10वीं व 12वीं के पेपर राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में निकलेंगे। राजस्व अधिकारी परीक्षा केंद्राध्यक्ष के साथ थानों से प्रश्न-पत्र निकलवाकर परीक्षा केंद्र तक साथ जाएंगे। परीक्षा केंद्र में सील्ड पेपर खुलवाकर वितरण के बाद निकलेंगे। अभी तक राजस्व अधिकारी सिर्फ थानों से पेपर निकलवाते थे। इसके बाद केंद्राध्यक्ष अकेले ही पेपर थाने लेकर पहुंचता था। जिसमें कुछ शिक्षक परीक्षा केंद्र से पहुंचने से पहले पेपर इंटरनेट मीडिया पर लीक कर देते थे। अब इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है ताकि कोई गड़बड़ी की गुंजाइश ना रहे।