बैतूल बायपास: विधायक श्रेय न लें इसलिए भाजपा ने खोज लाए सांसद के पुराने पत्र
Betul Bypass: MLA should not take credit, so BJP found old letters of MP
बैतूल। 21 किलोमीटर लंबाई के बायपास मार्ग को बजट में मंजूरी क्या मिली, भाजपा ने श्रेय लेने के लिए सांसद के पुराने पत्र उजागर करना प्रारंभ कर दिया। आज तक कभी भी बायपास मार्ग की मांग करने या सीएम को पत्र लिखने का खुलासा न करने वाली भाजपा शनिवार को अचानक तब सक्रिय हो उठी जब बायपास मार्ग को बजट में मंजूरी मिलने की जानकारी मीडिया में साझा हुई और इसके लिए विधायक निलय डागा के द्वारा बेहद प्रयास करने का दावा किया गया।
भाजपा के मीडिया प्रभारी शैलेंद्र आर्य के द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार क्षेत्रीय सांसद दुर्गा दास उइके के विशेष प्रयासों से 21 किलोमीटर बैतूल बायपास मार्ग सारणी, परासिया, छिंदवाड़ा मार्ग को बजट में स्वीकृति मिल गई है। साथ ही हरदा जिले में हरदा रिंग रोड के लिए छह किमी लंबाई की रोड के लिए स्वीकृति मिली है। गौरतलब हो कि मंगलवार को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में शहर को यह बड़ी सौगात मिली है। शहरवासियों को व्यस्ततम यातायात से निजात दिलाने के लिए सांसद द्वारा पूर्व में पत्राचार किया।
जिसके लिए मध्यप्रदेश शासन ने इस बैतूल बायपास के लिए 157.42 करोड़ रुपये एवं हरदा बायपास के लिए छह करोड़ रूपये का प्रविधान इस बजट में कर दिया गया है। इस मार्ग के पूरा हो जाने के बाद बैतूल एवं हरदा की जनता को भारी वाहनों की आवाजाही से निजात मिलेगी।
भाजपा ने सांसद के जो पत्र मीडिया को जारी किए हैं उनमें 16 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा गया पत्र है जिसमें बायपास के लिए बजट में प्रविधान करने की मांग की गई है। इस पत्र के साथ लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री के द्वारा सीएम मानिट में भेजी गई कार्यवाही की जानकारी का एक पन्ना भी भाजपा ने जारी किया है। इसमें कार्यपालन यंत्री ने सांसद के पत्र पर शासन की ओर से मिले निर्देश के बाद कार्यपालन यंत्री द्वारा की गई कार्रवाई का उल्लेख है। 6 जुलाई 2021 को कार्यपालन यंत्री के द्वारा प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को पत्र के साथ जानकारी भेजी गई थी। इसके बाद भाजपा ने बायपास मार्ग को मंजूरी दिलाने के लिए क्या किया इसका कोई प्रमाण अब तक जारी नहीं किया जा सका है। वर्ष 2021 से लेकर बजट के पहले तक न तो सांसद ने कभी बायपास मार्ग की कोई चिंता की है इसका भाजपा प्रमाण दे रही है और न ही इस अवधि में कब सीएम या लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर बायपास मार्ग को मंजूरी देने की बात का कोई प्रमाण ही है।
जनता का मानना है कि विधायक और सांसद को श्रेय लेने का ढिंढोरा पीटने की जरूरत ही क्यों पड़ रही है। यदि विकास किया है या कर रहे हैं तो सब जनता को दिखेगा और उसके लाभ मिलने पर खुद ही श्रेय देने लगेगी। जनप्रतिनिधियों का तो यह नैतिक दायित्व है कि जन सुविधाओं, विकास के लिए काम करें।