Baloon Hospital: डेढ़ करोड़ का बलून अस्पताल हुआ पंचर, नही मिल रहा पंचर सुधारने वाला

Betul News Today – बैतूल। बैतूल में अमेरिका-इंडिया फाउंडेशन के सीएसआर फंड से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से 50 बिस्तर के कोविड बलून अस्पताल का निर्माण किया गया है।  दो बलून में हवा भरने के बाद ढांचा खड़ा कर  पीडी मेडिकल कंपनी ने आठ आइसीयू बेड, 15 ऑक्सीजन बेड और 27 सामान्य बेड पर मरीजों को भर्ती करने की सुविधा मुहैया कराई थी। कोरोना काल में उपयोग तो किया गया लेकिन उसके बाद से इसकी जरूरत ही नहीं हो रही है। देखरेख के अभाव में अस्पताल पंचर हो गया है। बैतूल में इस बलून अस्पताल में हुआ पंचर तलाश कर सुधारने वाला ही नही मिल सका है। हालत यह हो गई है कि बलून की हवा निकल जाने से वो सिकुड़ गए हैं। 
एक बलून की हवा निकल गई है। जिससे यहां पर मरीज को भर्ती नहीं किया जा सकता है।हैरानी की बात तो यह है कि कुछ दिन पहले ही  कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने यहां पर माकड्रिल की थी। कोरोना के इलाज को लेकर पुख्ता व्यवस्था होने का दावा भी किया गया था। जब बलून पंचर हो गया था तो क्या यह बार छिपाई गई या फिर माक ड्रिल ही रस्म अदायगी जैसी हुई थी।
बताया जा रहा है कि  हर बार हवा भरने के बाद बलून की हवा निकल जाती है। बलून का साइज बडा होने से पंचर भी नहीं मिल रहा है। बलून में पंचर देखने वालीे की तलाश की जा रही है। वह भी नहीं मिल रहा है।
120 फीट लंबाई और 80 फीट चौड़ाई के इस रबर के टेंट में एसीपी सीट के माध्यम से पार्टिशन व अन्य व्यवस्थाएं की हैं। जाएंगी। बलून को खड़ा करने के लिए तीन घंटे गर्म और ठंडी हवा भरी गई थी।
दावा किया गया था कि यह पूरी तरह से फायर और वाटर प्रूफ होने के साथ ही इसे तेज हवा, आंधी से कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन लाइन, एसी, आइसीयू, बेड समेत अन्य सुविधाएं मौजूद हैं जो बिना उपयोग के कबाड़ बन रही हैं।

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