Betul news: न्यायालय के आदेश को मान रहा है ना ग्रामसभा को मान रहा डब्ल्यूसीएल: सरियाम

विरोध करने पर आदिवासियों के खिलाफ थाना चोपना में मामला दर्ज

पाथाखेड़ा क्षेत्र के हीरापल्ला और भोगई खापा गांव में जमीन अधिग्रहण का मामला, बगैर उचित मुआवजा दिए जमीन अधिग्रहण करना चाहती है कंपनी 

बैतूल। शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर भारतीय दंड संहिता धारा-535 ,शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर हेमन्त सरियाम,मिश्रीलाल बारस्कर,दिनेश सलाम,सुखचंद नर्रे,भागवंती तथा अनिता बाई पर थाना चोपना में मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल, जिले के पाथाखेड़ा क्षेत्र के हीरापल्ला और भोगई खापा गांव में कोयला कंपनी डबल्यू सी एल सड़क बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है। वेस्टर्न कोल फील्ड की तवा-3 कोयला खदान के लिए रास्ते की भूमि अधिग्रहण करने डबल्यूसीएल कंपनी भारी पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे थे। अपनी बेश कीमती ज़मीन बचाने आदिवासी महिलाओं ने जेसीबी के बकेट पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर अधिग्रहण करने से रोक दिया। जिसके चलते आदिवासियों के खिलाफ डबल्यूसीएल ने चोपना थाने में शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवा दिया है। इस मामले में आदिवासी समाजसेवी हेमंत सरियाम का कहना है कि न्यायालय ने आदेश दिया है की मुआवजा बढ़ोत्तरी के लिए ट्रिब्यूनल में जाना है। निर्णय आने के बाद ही रोड बना सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया डब्ल्यूसीएल न्यायालय के आदेश को मान रहा है ना ग्रामसभा को मान रहा है। इसी को लेकर यहां विवाद की स्थिति बनी है। बैतूल के पास जो जमीन है। उसकी कीमत प्रति हेक्टेयर 2 करोड़ 20 लाख है। जबकि यहां की जमीन को 5 लाख रुपए हेक्टेयर ले रहे हैं। प्रावधान है की आदिवासी किसान को जमीन के बदले जमीन दी जाए। रोजगार दिया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए पर यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा। गांधीग्राम खदान डब्ल्यूसीएल ना चलाकर निजी कंपनी चलाएगी, इसीलिए जमीन के बदले नौकरी की बात नहीं कर रहे। जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रशासन और वेस्टर्न कोल्ड फील्ड लिमिटेड लंबे समय से प्रयास कर रहा है। आदिवासी किसान इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी जा चुके हैं।

— नियम विरुद्ध अधिग्रहण का आरोप–

आदिवासी किसानों की मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी या जमीन के बदले जमीन दी जाए और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक उनकी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि वेस्टर्न कोल्ड फील्ड लिमिटेड उनकी जमीन को नियम विरुद्ध अधिग्रहण करना चाहता है। आदिवासी नेता हेमंत सरयाम ने बताया कि हाईकोर्ट ने पिछले दिनों अपने आदेश में साफ कर दिया है कि मुआवजे के लिए पीड़ित पक्ष ट्रिब्यूनल के सामने अपना पक्ष रखेगा। उससे पहले ही कोयला कम्पनी बगैर उचित मुआवजा दिए जमीन अधिग्रहण करना चाहती है।

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