Nikah In Hospital:एक विवाह ऐसा भी: ब्लड कैंसर से जूझ रहे पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने बेटे ने अस्पताल में किया निकाह

Nikah In Hospital:एक विवाह ऐसा भी: ब्लड कैंसर से जूझ रहे पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने बेटे ने अस्पताल में किया निकाह

* मुलताई नगर का एक निजी अस्पताल बना अनोखी शादी का गवाह
बैतूल। बेटे की शादी के सपने आंखों में लिए इस दुनिया से विदा हो रहे पिता के अरमान अधूरे न रह जाएं, इस कशमकश में एक बेटे ने अस्पताल में ही निकाह कर अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी की। मुलताई नगर का एक निजी अस्पताल इस अनोखी शादी का गवाह बना है।
दरअसल, प्रभात पट्टन निवासी मोईत उल्ला खान उम्र 80 वर्ष ब्लड कैंसर से पीड़ित होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहे है। उन्होंने जब अपने परिजनों के सामने अंतिम इच्छा जाहिर की तो उनकी अंतिम इच्छा सुनकर सभी परिजन चौंक गए थे। मोईत उल्ला खान की अंतिम इच्छा थी कि, उनके बेटे अय्यूब खान की शादी जल्द से जल्द करा दें। यह इच्छा जब बेटे ने सुनीं तो वह पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने तुरंत तैयार हो गया और आईसीयू में पिता के सामने ही निकाह किया। अब इस अनोखी शादी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है।

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– बेड पर लेटे हुए अपने बेटे और बहू को दिया आशीर्वाद–
मोईत उल्ला खा ब्लड कैंसर से पीडि़त होने के कारण उपचार के लिए भर्ती हैं। फिलहाल वे आक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे हैं। पुत्र ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए सोमवार अस्पताल में ही निकाह किया। इस दौरान मौलवी की उपस्थिति में निकाह हुआ जिसमें परिजन सहित अस्पताल का स्टाफ शामिल हुआ। इस दौरान मोईत उल्ला निकाह देखते रहे तथा अपनी अंतिम इच्छा पूरी होने पर खुश होते रहे। इस दौरान उन्होंने बेड पर लेटे हुए ही अपने बेटे और बहू को आशीर्वाद दिया।

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– अस्पताल स्टाफ ने भी दूल्हा-दुल्हन को दिया आशीर्वाद-
अस्पताल कर्मियों ने बताया कि ब्लड कैंसर होने से फिलहाल वृद्ध की स्थिति गंभीर हैं जिससे उन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। ऐसी स्थिति में वे चल फिर भी नही सकते इसलिए उनके पुत्र द्वारा अस्पताल में ही निकाह की तमाम रस्में पूर्ण कीं। परिजनों तथा अस्पताल स्टाफ ने शामिल होकर दुल्हा दुल्हन को आशीर्वाद दिया। इस संबंध में अस्पताल के डा.अंकुश भार्गव ने बताया कि मरीज पहले नागपुर में भर्ती थे लेकिन वहां खर्च अधिक आने से परिजनों द्वारा मुलताई के निजी अस्पताल में लाकर भर्ती किया गया है। मरीज की स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल में निकाह करने की अनुमति दी गई। इस अनोखी शादी के बाद यह तो साबित हो गया है कि माता-पिता की इच्छा से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं है।

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