नए सीएम का सख्त फरमान: खुले में मांस–मछली की नही होगी बिक्री, तेज आवाज में नही बजेंगे लाउड स्पीकर

MP News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का कामकाज संभालने के बाद पहली केबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने अपनी प्राथमिकताओं का पिटारा खोल दिया। सबसे पहले जंगल में तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वालों की चिंता करते हुए प्रति बोरा एक हजार रूपये बढ़ाए गए।
इसके बाद आम जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए फूड सेफ्टी के नियमों का कड़ाई से पालन कराने की प्रतिबद्धता भी दिखाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि फूड सेफ्टी नियम लागू होने के बाद खुले में मांस-मछली की बिक्री पर भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उनका कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लायसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस- मछली आदि का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित करने हेतु 15 दिवस का विशेष अभियान चलाया जाए।
प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी / चिन्हित महाविद्यालयों का प्रधानमंत्री उत्कृष्ठता महाविद्यालय के रूप में उन्नयन होगा। उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री/अंकसूची को डिजिलॉकर में अपलोड किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को कहीं भटकना नहीं पड़ेगा।
सीएम ने कहा कि आदतन अपराधियों पर शिकंजा कसा जाना आवश्यक है ताकि वे जमानत पर छूटकर फिर से अपराध न करें। ऐसे आदतन अपराधियों के द्वारा पूर्व में किए गए अपराधों में प्राप्त जमानत (Bail) को दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 437, 438 एवं 439 के तहत संबंधित न्यायालयों में आवेदन प्रस्तुत कर निरस्त कराने की कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश आज ही जारी किए गए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डीजे/संबोधन प्रणाली) के अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग को प्रतिबंधित करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
रजिस्ट्री कराने के बाद नामांतरण के लिए नही भटकना पड़ेगा:
सीएम ने कहा है कि 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था हम मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू कर देंगे। इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी किए जा रहे हैं। प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की व्यवस्था साइबर तहसील के माध्यम से लागू की गयी है।
इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण फेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे और नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है।




