Hadtal: राशन दुकानों में तीन दिन लटके रहेंगे ताले

Hadtal: राशन दुकानों में तीन दिन लटके रहेंगे ताले, सहकारी कर्मचारी महासंघ की कलमबंद हड़ताल

बैतूल। मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर शासकीय राशन दुकानों के डीलर मंगलवार 7 फरवरी से हड़ताल पर जा रहे हैं। इस दौरान संपूर्ण जिले में खाद्यान्न वितरण योजना पूर्णता बाधित रहेगी। ऐसे में गरीबों के निवाले पर संकट की स्थिति निर्मित हो जाएगी। समिति ने सोमवार को जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में इस तीन दिवसीय काम बंद कलम बंद हड़ताल की सूचना भी दे दी है।

मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ ने सोमवार प्रांतीय आह्वान पर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के शासकीय उचित मूल्य दुकानों में कार्यरत विक्रेताओं की समस्याओं का निराकरण किए जाने की मांग की है। जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में जिला अध्यक्ष राजू देशमुख ने बताया महासंघ ने अनेकों बार अपनी जायज मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, लेकिन आज दिनांक तक मांगों को पूर्ण नहीं किया गया है। इससे समस्त कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश है।

जिला उपाध्यक्ष रमेश माकोड़े ने बताया मांगो के पूर्ण नहीं होने से नाराज दुकान संचालक एवं विक्रेताओं द्वारा 7, 8 और 9 फरवरी को उचित मूल्य दुकानों को बंद रखकर आंदोलन किया जाएगा। तीन दिवसीय आंदोलन के चलते जिले में खाद्यान्न वितरण नहीं होगा।

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मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ की यह है मांग

महासंघ के जिला उपाध्यक्ष रमेश माकोड़े ने बताया पुरानी पीएमजीकेएवाई योजना के तहत पहले की तरह खाद्यान्न की आपूर्ति जारी रखने, 50 हजार रुपये मात्र की न्यूनतम मासिक आय की गारंटी मानदेय के रूप में सुनिश्चित किया जाए, 764 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम मार्जिन केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त तृतीय पक्ष ” वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सिफारिशों को लागू करने के लिए, कार्डधारकों के उत्पीड़न को कम करने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था जैसा कि राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा कहा गया है आपात स्थिति में प्रभावित कार्डधारकों की आधार संख्या डालकर ई – पास के माध्यम से वितरण की अनुमति देना चावल, गेहूं और चीनी के लिए 1 किलो प्रति क्विंटल की दर से हैंडलिंग लॉस की अनुमति दी जानी चाहिए, खाद्य तेल, दाल और चीनी की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति की जानी चाहिए और साथ ही संबंधित किसानों को भी बढ़ावा देना चाहिए, जूट के बोरों में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ग्रामीण क्षेत्रों के उचित मूल्य दुकान के डीलरों को चावल और गेहूं के लिए “प्रत्यक्ष खरीद एजेंट (डीपीए)” के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए, सभी भारतीय नागरिकों को राशन के मुफ्त वितरण का “पश्चिम बंगाल राशन मॉडल” यानी” सभी के लिए भोजन” पूरे देश में लागू किया जाए, कोरोना पीड़ित व्यापारियों को राजस्थान राजय द्वारा प्रदान किए गए 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए, सभी राज्यों- केंद्र शासित प्रदेशों में सभी देय मार्जिन की तुरंत प्रतिपूर्ति की जाए।

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