DM Betul Order : राजस्व प्रकरणों का निराकरण नहीं किया तो बैतूल कलेक्टर ने तहसीलदार और नायब तहसीलदारों पर ठोका जुर्माना
पांच अधिकारियों से कुल 13 हजार 250 रुपये की राशि वसूल की जाएगी

DM Betul Order : बैतूल। बैतूल कलेक्टर ने राजस्व विभाग के कामकाज में कसावट लाने के लिए अब बड़े अधिकारियों को भी कठाेर कार्रवाई की जद में ले आया है। कई बार बैठकों में सख्त निर्देश देने के बाद भी आम जनता से जुड़े कार्य न करने पर पांच अधिकारियों पर जुर्माना कर दिया गया है। राजस्व प्रकरणों को लंबित रखने वाले पांच अधिकारियों पर लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने जुर्माना लगाया है।
सीमांकन और नामांतरण के प्राप्त आवेदनों का समय सीमा में निराकरण नहीं किए जाने पर राजस्व विभाग के पांच अधिकारियों से कुल 13 हजार 250 रुपये की राशि वसूल की जाएगी। अधिरोपित जुर्माना राशि का भुगतान प्रतिकर के रूप में संबंधित आवेदकों को किया जाएगा।कलेक्टर ने हर लंबित राजस्व प्रकरण और लोकसेवा गारंटी के मामलों में संबंधित एसडीएम और तहसीलदार पर 250 रुपये प्रति प्रकरण का जुर्माना लगाए जाने के निर्देश दिए थे।
इसी के तहत राजस्व विभाग की अधिसूचित सेवाएं भूमि का सीमांकन और नामांतरण के लिए प्राप्त आवेदनों को लंबित रखने पर धारा 7 (1) (क) के तहत एकमुश्त 500 रुपये से 5 हजार रुपये प्रति आवेदन के हिसाब से तथा आवेदनों को समय सीमा निकलने के उपरांत निराकरण करने पर धारा 7 (1) (ख) के तहत 200 रुपये प्रति आवेदन प्रति दिवस के हिसाब से जुर्माना अधिरोपित किया है।
इन अधिकारियों पर किया जुर्माना:
कलेक्टर के द्वारा भैंसदेही तहसीलदार भगवानदास कुमरे द्वारा दो आवेदन लंबित रखे जाने पर 5500 की राशि जुर्माने के रूप में अधिरोपित की गई है। तहसीलदार बैतूल ग्रामीण गोवर्धन पाठे द्वारा 10 आवेदन लंबित रखने पर सात हजार रुपये की राशि, नायब तहसीलदार दुनावा मुलताई राजकुमार उइके पर एक आवेदन लंबित रखने पर 250 रुपये, नायब तहसीलदार बैतूल श्याम सिंह उईके द्वारा एक आवेदन लंबित रखने पर 250 रुपये तथा तहसीलदार घोड़ाडोंगरी महिमा मिश्रा द्वारा एक आवेदन लंबित रखे जाने पर 250 रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।