IAS बी चंद्रशेखर ; कुशल रणनीतिकार और ग्रामीण विकास को तरजीह देने वाले अफसर हैं

बतौर बैतूल कलेक्टर जिले के पिछड़े गांवों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए किए थे नवाचार

कुकरू में मीडिया से गपशप करते ias बी चंद्रशेखर। फाइल फोटो।

Ias B. Chandrashekar; बैतूल। Ias बी चंद्रशेखर, बाहर से भले ही बेहद कड़क मिजाज और सख्त अफसर नजर आते हैं, भीतर से विकास, दीन दुखियों की मदद कर अपने पैरों पर खड़ा करने में उतने ही उदार व्यक्तित्व के धनी हैं। यह उनकी प्रशंसा में कसीदे गढ़ने वाली बात नही है बल्कि आदिवासी बहुल बैतूल जिले में बतौर कलेक्टर रहते हुए उनके द्वारा किए गए काम आज भी गवाह बनकर नजर आते हैं।

शासकीय सेवा से मुक्त होने का फैसला लेने से पूरे देश में चर्चा में आए ias बी चंद्रशेखर जब बैतूल के कलेक्टर के रूप में पदस्थ हुए तो उन्होंने सबसे पहले एक आदर्श शहर, विकसित गांव और हर हाथ को काम मिलने के रास्तों का खाका तैयार किया। वर्ष 2012 में आदर्श बैतूल की कल्पना को साकार करने के लिए तत्कालीन कलेक्टर ias बी चंद्रशेखर ने समाज के हर वर्ग को जोड़ा। एक जन आंदोलन खड़ा किया जिसने हर वार्ड के लोगों को बुनियादी सुविधाओं को पूरा कराने का जज्बा दिया।

बैतूल शहर की अवैध कब्जों से सिकुड़ती सड़कों को सुंदर हरियाली और फूलों से ढंके डिवाइडर युक्त बनाने की शुरुआत उनके द्वारा ही की थी। आज भी बैतूल जिले का जो भी शख्स नेहरू पार्क के पीछे से गुरुद्वारा की ओर जाने वाली सड़क से गुजरता है तो बरबस ही एक कुशल प्रशासक और हमारे शहर को सुंदर बनाने का प्रयास करने वाले अफसर बी चंद्रशेखर जरूर याद आ जाते हैं। यह तो एक नज़ीर मात्र है जो अल्प समय के कार्यकाल में उनके द्वारा बना दी गई।

कुकरू को पर्यटन के नक्शे पर लाने का पहला कदम

Ias बी चंद्रशेखर ने बैतूल में कलेक्टर रहते हुए पर्यटक स्थल कुकरु को विकसित करने के लिए सबसे पहला कदम बढ़ाया था। हालांकि उसके बाद कई अफसर आए और चले गए लेकिन किसी ने कागज से जमीन पर ऐसा कुछ नहीं उतारा जिससे विकास और रोजगार का सृजन हो सके। वर्ष 2012 की अंतिम बेला में जब आइएएस बी चंद्रशेखर ने कुकरु में पर्यटकों को कैसे बुलाया जाए, उन्हें कैसे रिझाया जाए इसकी प्लानिंग तैयार की और वर्ष 2013 के स्वागत में 4 जनवरी से कुकरू ईको टूरिज्म एवं एडवेंचर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन की शुरुआत कर डाली। तीन दिन तक विभिन्न आयोजन कुकरू और कुर्सी डैम पर किए गए।
इस आयोजन से पर्यटक स्थल कुकरू को देश और प्रदेश में एक नई पहचान मिली थी। हालांकि कलेक्टर बी चंद्रशेखर का तबादला होने के बाद सब कुछ जहां की तहां रह गया। एक बार और कुकरू महोत्सव का आयोजन तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र के द्वारा कराया गया और तब से अब तक कागजों में कुकरू पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। 
खैर बात ias बी चंद्रशेखर की कार्यप्रणाली की हो रही है तो उस दौर में प्रशासनिक कसावट ऐसी थी कि आज भी लोग याद करते हैं। जनता से जुड़ाव की बात हो या फिर विकास, रोजगार के साधनों का विस्तार करने के जज्बे की हो। लोगों को वह दौर जरूर याद आता है।

जनसुनवाई की थी आनलाइन:

Ias बी चंद्रशेखर ने जन सुनवाई के आवेदन आन लाइन करने का प्रयोग भी किया था। कोई भी जन सुनवाई में आई शिकायत और निराकरण की स्थित देख सकता था। इतना ही नही महिलाओं से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए महिला अधिकारियों की मौजूदगी में महिला जन सुनवाई का नवाचार भी लोगों के जेहन में आज भी है।

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