CM Help Line : सीएम हेल्प लाइन पर भारी अफसरशाही, बिना निराकरण बंद हो रही शिकायतें
Heavy bureaucracy on CM helpline, complaints are being closed without redressal
बैतूल। मुख्यमंत्री भले ही सार्वजनिक मंचों से बार-बार लापरवाह अफसरों को टांग देने की बात कह रहे हों, लेकिन नौकरशाही पर उनके इन सख्त तेवरों का कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। जब मामलों के निपटारे की खानापूर्ति होने लगी तो पीड़ितों ने सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेना शुरू किया। उम्मीद थी कि यह मामले सीधे सरकार तक पहुंचते हैं, इसलिए न्याय मिलेगा, लेकिन पीड़ि़तों को यहां भी न्याय नहीं मिल रहा है। हालात यह हैं कि हेल्प लाइन में आने वाली शिकायतों को झूठी रिपोर्ट देकर निपटारा कर दिया जाता है और पीड़ित परेशान होते रहते हैं। वहीं जनसुनवाई में पहुंचकर शिकायत करने के बाद भी आज तक न्याय नहीं मिल पाया है।
इसका उदाहरण आमला तहसील के ग्राम बोरी खुर्द से सामने आया है, यहां की एक महिला बनिता पंडाग्रे द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की गई थी, लेकिन बनिता की शिकायत को बिना निराकरण बंद कर दी गई, बनिता ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है। बनिता ने आरोप लगाया कि शिकायत के बाद विभाग अध्यक्ष द्वारा टिप देकर टालामटोली करने का प्रयास किया गया।
विभागाध्यक्ष ने दी यह टीप
शिकायत के बाद विभाग अध्यक्ष ने टिप देते हुए उल्लेख किया है कि बोरी खुर्द विकासखंड आमला में केंद्र कार्यकर्ता की नियुक्ति से संबंधित शिकायत है। कार्यकर्ता नियुक्ति पर शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज आपत्ति जिला स्तरीय दावा आपत्ती समिति द्वारा अमान्य कर खंड स्तरीय चयन को यथावत रखा गया। शिकायतकर्ता द्वारा न्यायालय अपर कलेक्टर बैतूल के यहां की गई अपील के अनुसार जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति के निर्णय के बाद परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना आमला के अपील गत आदेश को विधि सम्मत पाए जाने से यथावत रखा गया है। इसके पश्चात एसडीएम मुलताई के आदेश पर तहसीलदार आमला द्वारा जांच कर चयनित श्रीमती मीना पति गोलू मोहबे के बीपीएल राशन कार्ड अपात्र किया गया है। प्रकरण में न्यायालय अपर कलेक्टर बैतूल द्वारा निर्णय प्रदान किया जा चुका है एवं पूर्व कार्यवाही को विधि सम्मत पाया गया है। पुनः न्यायालय संभागीय कमिश्नर नर्मदा पुरम के न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना उचित है।