चर्चित मामला: क्या इकलौती सीट बचाने रोका जा रहा निशा का रथ….?

डिप्टी कलेक्टर को शासन ने सर्वधर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने की नहीं दी मंजूरी

Betul News : बैतूल। मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों का हवाला देकर सर्वधर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने से रोक दिया है।शासन के इस निर्णय को लोग दूसरे नजरिये से देख रहे हैं। बैतूल की पांच विधानसभा सीटों में से एकमात्र आमला की सीट पर ही भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। चार सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया था और प्रदेश में भाजपा की सरकार न बन पाने के लिए इन चार सीटों का खासा रोल भी रहा था।

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे जब बैतूल में पदस्थ थीं तब उन्हें आमला क्षेत्र में आम लोगों का प्रशासनिक कार्यों में भरपूर समर्थन मिलता था।इसी के चलते छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम का कार्यभार संभाल रही निशा ने आमला में धार्मिक आयोजन के साथ धमाकेदार एंट्री करने का फैसला ले लिया।पूरी तैयारी के साथ कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई और उसके बाद गांव-गांव और गली-गली में जिस तरह से पैदल घूमकर लोगों से संपर्क करना प्रारंभ किया वैसे ही राजनीतिक दलों के नेताओं को अपने पैरों के नीचे से (भुरभुरी हो चुकी) जमीन खिसकती नजर आने लगी। प्रमुख राजनीतिक दलों के लोगों ने पहले तो आयातित का मुद्दा उछालने का प्रयास किया लेकिन सर्व धर्म शांति सम्मेलन का प्रचार और उसको मिलते समर्थन के आगे बौना साबित हो गया।

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हर दिन कहीं निशा के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते तो कहीं खाना पका रही गृहणी के पास बैठकर बतियाते हुए इंटरनेट मीडिया पर वीडियो और फोटो नजर आने लगे।निशा की रफ्तार इतनी तेज हो गई कि हर कोई उनकी प्लानिंग को सराहने लगा। हालांकि निशा बांगरे ने स्पष्ट कर दिया है कि वे गैर राजनीतिक कार्यक्रम में सहभागी बन रही हैं लेकिन उनकी कार्यप्रणाली को देखकर नेताओं को मजबूत दावेदार और प्रतिद्वंदी का खतरा महसूस होने लगा है। अब शासन के द्वारा उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नही देने का पत्र थमा दिया गया है। इससे आयोजन से जुड़े लोगों में गुस्सा पनपने लगा है।

जिला प्रशासन के द्वारा भी अब तक आमला की हवाई पट्टी पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई है। आयोजकाें का मानना है कि अनुमति मांगी गई है और आवेदन निरस्त नहीं किया गया है तो यही माना जाएगा कि स्वीकृति है। इसी आधार पर तैयारी की जा रही है और विदेशाें से भी मेहमानों के आगमन की रूपरेखा तय की जा रही है।कुल मिलाकर निशा बांगरे की आमला में मौजूदगी ने प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारे में खलबली जरूर मचा दी है।

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