holashtak : 27 फरवरी से 7 मार्च तक रहेगा होलाष्टक, नहीं होंगे शुभ कार्य

27 फरवरी से 7 मार्च तक रहेगा होलाष्टक, नहीं होंगे शुभ कार्य


बैतूल। हर साल होली के 8 दिन पूर्व होलाष्टक शुरू हो जाता है। होलाष्टक के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जा सकते। होलाष्टक में महामृत्युंजय, भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष होलाष्टक की शुरुआत 27 फरवरी से शुरू होकर 7 मार्च तक रहेगी।

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ज्योतिषियों के मुताबिक होलाष्टक के चलते वातावरण में नकारात्मकता का प्रभाव रहता है। अष्टमी तिथि को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि और एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र अवस्था में रहते हैं। जिसके चलते ग्रहों की ऊर्जा नकारात्मक रहती है। इसका प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव पर भी पड़ता है, इसलिए मान्यता है यदि इन दिनों में कोई शुभ कार्य किए जाते है, तो उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। वहीं होलाष्टक के दौरान 8 दिनों तक प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

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इन कार्यों पर रहेगा प्रतिबंध

होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित है। ऐसे में शादी, मुंडन, जनेऊ संस्कार, सगाई, मकान निर्माण, प्रॉपर्टी खरीदना, दुकान उद्घाटन, वाहन खरीदना, वाहन बेचना, गृह प्रवेश, सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदी  सहित अन्य शुभ काम नहीं करने चाहिए।

क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य

हिरण कश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति नहीं करने देने कई यातनाएं दी थी, लेकिन भगवान विष्णु जी की कृपा से प्रहलाद ने हर कष्ट को झेला। इसके बाद हिरण कश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद ली।  आपको बता दें की होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। अपने इस वरदान के बूते होलीका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ गई। बावजूद भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ और होलीका अग्नि में जलकर स्वाहा हो गई। यह 8 दिन प्रहलाद के लिए संकट वाले थे, इसलिए होलिका दहन के पूर्व 8 दिनों को कस्टप्रद माना गया है।

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