fifth schedule : पांचवी अनुसूची के अधिकारों के लिए टूट रहा आदिवासियों का सब्र
ग्राम पंचायत रामघाटी में आयोजित कार्यक्रम में पेसा एक्ट कानून पर की चर्चा
बैतूल। संविधान की पांचवी अनुसूची भारत की अनुसूचित जनजातियों के लिये किसी धर्मग्रंथ से कम नहीं है। क्योंकि अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा और हित की तरफदारी इन्हीं कानूनों में निहित है। अनुसूचित जनजाति अपने संविधान पर पूर्ण आस्था और श्रद्धा रखती है। लेकिन देश के किसी भी क्षेत्र में 5वीं अनुसूची के अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू नहीं करने के चलते अब आदिवासियों का सब्र टूटता नज़र आ रहा है। जनपद पंचायत भैंसदेही क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रामघाटी में गुरुवार को विकास यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए थे। कार्यक्रम में आदिवासियों ने पेसा एक्ट कानून लागू होने के बाद भी उसका पूर्ण लाभ नहीं मिलने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष श्रीमती यशवंती संजय धुर्वे, उपाध्यक्ष पवन परते, भीमपुर जनपद अध्यक्ष, सीताराम चढोकार, जनपद सदस्य श्रीमती शकुंतला जीवन उईके, पीएचई विभाग सुगन मर्सकोले, सीईओ,तहसीलदार, पटवारी सहित ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि उपस्थित थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत रामघाटी के सरपंच-प्रभारी सचिव पेसा एक्ट कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरपंच-प्रभारी सचिव द्वारा फर्जी तरीके से राशि निकाली जा रही है, टेंकर और मोटर पम्प बेच दिया गया। इस मामले की जांच करते हो ग्रामीणों ने उचित कार्यवाही की मांग की।
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पूर्ण अधिकार दिया जाए
ग्रामीणों का कहना है कि आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का मालिकाना हक दिया गया है। लेकिन अभी तक देश के किसी भी क्षेत्र में 5वीं अनुसूची के अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया है। कार्यक्रम में ग्राम पटेल मुलचंद उईके, सरपंच, उपसरपंच, रोजगार सहायक सचिव, मोबेलाईजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, शिक्षिका, नर्स, आशा कार्यकर्ता, कोटवार एवं युवा आदिवासी विकास संगठन, ग्राम सभा अध्यक्ष नंदू आहके, विधायक प्रतिनिधि बबलू धुर्वे, कोयतूर नंदू उईके, दिनेश उईके, भागलाल आहके, दिवांजी उईके, रिम्मीलाल वाडिवा, निरूलाल उईके, सुंदरलाल धुर्वे, दीपक धुर्वे, दिग्विजय आहके, जिन्दूलाल धुर्वे, शाम उईके, सुरपसिंग धुर्वे, चंद्रकिशोर धुर्वे, दीपक चिचाम, सनोज तेकाम, ईमरत चिचाम, कलिराम धुर्वे, रामदास उईके, नंगजी धुर्वे, डंडर पार्टी कजूलाल धुर्वे, गोर्री परते, अनकराम उईके, कप्पासिंग धुर्वे, दलक उईके, रामेन चिचाम, गुलाब आहके, बिसराम वाडिवा, जयालाल आहके, मनक उईके, जयन उईके, रम्मूलाल आहके, मतन वाडिवा, गोरख उईके, दसन कवडे, पुरन वाडिवा, लिंगू वाडिवा, कुंजीलाल उईके, चंदर चिचाम, श्यामराव धुर्वे, जंगू उईके, केशोरी, गुलाब उईके, सुनिल उईके, झलकराम धुर्वे, बिसा वाडिवा, मानिक उईके उपस्थित रहे।
यह मांग उठाई
भारतीय संविधान में 5वी अनुसूची अनुच्छेद 244(1) के तहत आदिवासी समाज के समस्त हक अधिकारों के साथ छेड़छाड़ पर रोक लगाते हुए पेसा एक्ट नियम पूर्ण रूप से लागू किया जाए, आदिवासियों पर अत्याचार, शोषण,अन्यय करने वालों पर सख्त कार्यवाही कर फांसी की सजा सुनाए जाने हेतु कानून लागू की जाए, जनजातीय समुदाय”नाम परिवर्तन कर वास्तविक नाम “आदिवासी समाज” किया जाए, म.प्र.कर्मचारी चयन मंडल द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा में ॠणात्मक मूल्यांकन पद्धति को हटाने, मध्यम वर्ग के परिवारों की आर्थिक स्थिति बढ़ती मंहगाई के कारण जीवन यापन करने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण बढ़ती मंहगाई दर कम की जाए, पलायन रोकने हेतु पढ़ें लिखे बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार मुहैया किया जाए, मनरेगा में 100 दिन रोजगार को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए, आवास योजना का लाभ एवं कपिल धारा कुआं योजना का लाभ दिया जाए, ग्राम में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा होने वाली अंधाधुंध लूटपाट पर रोक एवं पोल के बिजली कनेक्शन पर केबल, ग्राम रामघाटी से ग्राम कौड़ी, सियार, चोपन एवं गारपठार तक डामरीकरण, सीसी रोड निर्माण, खसरा नं 71/1छोटे झाड़ का जंगल का सीमांकन कर ग्राम के प्रतिभागी बच्चों के लिए खेल मैदान, शमशान घाट की जमीन का सीमांकन करवाने, आंगनबाड़ी केंद्र एवं प्राथमिक शाला के लिए नवीन भवन, मंगल भवन निर्माण कार्य एवं बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य में लापरवाही की जांच, पूर्णा नदी जलाशय (डेम) का पानी नहर के माध्यम से दिए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई।