कलेक्टर के तीखे तेवर : आशा कार्यकर्ता को हटाया, एएनएम की सेवा समाप्त होगी,बदले जाएंगे भैंसदेही के बीएमओ

मातृ शिशु मृत्यु की जानकारी छिपाई तो दूसरे विभागों से सर्वे कराकर आंकड़े निकालेंगे कलेक्टर IAS अमनबीर सिंह बैंस

Today Betul News : बैतूल। मातृ शिशु मृत्यु की जानकारी छिपाई गई तो दूसरे विभागों से सर्वे कराकर आंकड़े निकाल लिए जाएंगे। बैतूल कलेक्टर IAS अमनबीर सिंह बैंस ने जब बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अमले को दो-टूक शब्दों में चेतावनी दी तो सन्नाटा पसर गया। कलेक्टर यहीं नही रूके, बल्कि समीक्षा के दौरान लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई भी कर दी।

बैठक में मातृ मुत्यु के मामले में लापरवाही पाए जाने पर आमला विकासखण्ड के छिपन्या पिपरिया की एएनएम कविता सूर्यवंशी को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। ग्राम की आशा कार्यकर्ता रीना यादव का मानदेय काटने हेतु भी निर्देशित किया गया। मातृ मुत्यु में लापरवाही के ही मामले में भीमपुर के ग्राम खैरा में पदस्थ आशा कार्यकर्ता बेबी बारस्कर को पद से हटाने के लिए भी निर्देशित किया गया। बाल मृत्यु के मामले में लापरवाही पाए जाने पर भैंसदेही में पदस्थ बीएमओ का प्रभार हटाने एवं झल्लार में पदस्थ मेडिकल आफिसर के विरूद्ध कार्रवाई करने के भी निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए।

कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने गुरूवार को जिले में मातृ शिशु मृत्यु की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विगत माहों में हुई एक-एक मातृ एवं शिशु की मृत्यु के कारणों की गहनता से समीक्षा की। मातृ एवं शिशु मृत्यु के प्रकरणों में उनके परिजनों से भी चर्चा की। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे मातृ एवं शिशु मृत्यु के आंकड़े न छिपाएं। प्रत्येक प्रकरण को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें। यदि आंकड़े छिपाने का प्रयास किया गया तो अन्य विभागों से सर्वे कराकर वास्तविक आंकड़े निकाल लिए जाएंगे। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश बौद्ध सहित स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला मौजूद था।

बैठक में कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक मातृ एवं शिशु की मृत्यु के प्रकरण की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग की अमले की लापरवाही से हुई मौत के प्रकरणों को जिम्मेदारों के नाम सहित प्रस्तुत करें। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की जवाबदारी है कि वे प्रसूताओं की नियमित जांच करें। निर्धारित दस्तावेजों की पूर्ति करें। मदर हेल्थ कार्ड का सुव्यवस्थित दस्तावेजीकरण किया जाए। मातृ एवं शिशु मृत्यु के सभी प्रकरण ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किए जाएं। स्वास्थ्य विभाग का अमला इस बात के लिए सजग रहे कि हर संभव प्रयास कर मातृ एवं शिशुओं के जीवन की रक्षा की जाए।

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