Betul news: आदिवासी समुदाय के भूमिहीनों की जमीन पर वुडन क्लस्टर कब्जे का प्रयास

सरकार की हरियाली से खुशहाली योजना बनी विवाद का कारण


बैतूल। जिले के कढ़ई गांव के भूमिहीन गोंड समुदाय के व्यक्तियों को सरकार की हरियाली से खुशहाली योजना के अंतर्गत आवंटित की गई जमीन को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। याचिकाकर्ताओं ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें आवंटित भूमि से बेदखल कर वहां लकड़ी के क्लस्टर विकास का काम शुरू किया जा रहा है, जो कि नियमों के विपरीत है।
याचिकाकर्ताओं में सुखचंद बट्टी 45 वर्ष, नवलु धुर्वे 52 वर्ष, विमल सिंह इवने, प्रमोद उइके 31 वर्ष, दीनू धुर्वे 36 वर्ष और धन्ना बरकड़े 34 वर्ष शामिल हैं, जो सभी ग्राम कढ़ई, जिला बैतूल के निवासी और गोंड समुदाय से हैं। इनके अनुसार, ग्राम सभा ने 5 अप्रैल 2023 को एक प्रस्ताव पारित किया था कि उन्हें आवंटित भूमि का पट्टा जारी किया जाए, लेकिन इसके बावजूद प्रतिवादी क्रमांक 3 (कलेक्टर, बैतूल) द्वारा उनकी भूमि पर माप-खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है। सरकार की हरियाली से खुशहाली योजना के तहत, ग्राम कढ़ई में खसरा क्रमांक 187/1, 100, और 187/1-2-3 में 26.027 हेक्टेयर भूमि गोंड समुदाय के भूमिहीन परिवारों को आवंटित की गई थी। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के लोगों का उत्थान और पर्यावरण संरक्षण था। परंतु अब इस भूमि पर सरकारी आदेशों के खिलाफ लकड़ी के क्लस्टर विकास का काम किया जा रहा है।
आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पेसा नियम लागू करना जरूरी: हेमंत सरियाम
आदिवासी समाजसेवी हेमंत सरियाम ने बताया कि बैतूल विकासखंड पेसा एक्ट के तहत आता है और यहां के आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पेसा नियम लागू करना जरूरी है। इस मामले से संबंधित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा नियमों के विपरीत कार्य कर भूमिहीनों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है।
याचिकाकर्ताओं ने 21 अगस्त 2024 को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी क्रमांक 3 ने बेदखली की कार्रवाई को नहीं रोका, जिससे गोंड समुदाय के लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है। याचिका में मध्य प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव, उद्योग विभाग, कलेक्टर बैतूल, परियोजना अधिकारी बैतूल और ग्राम पंचायत कढ़ई के सरपंच को प्रतिवादी बनाया गया है।
बैतूल विकासखंड पेसा एक्ट से प्रभावित क्षेत्र है, जहां पेसा नियम लागू करने के संबंध में एक याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसके बावजूद, ग्राम सभा के प्रस्ताव और निवेश क्षेत्र से बाहर होने के बावजूद, जिला प्राधिकरण नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्रामीणों की साझा भूमि हड़पने का प्रयास कर रही है। यह कदम कानूनी प्रावधानों के खिलाफ है, आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनकी आजीविका पर सीधा हमला है।

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