Betul News:शराब सस्ती होने की मुनादी कर रहा ठेकेदार, प्रशासन को नही दे रहा सुनाई
The contractor, who is proclaiming the liquor to be cheap, is not listening to the administration

Betul News: बैतूल। जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री शराबबंदी की ओर बढ़ रहे हैं और अहाते बंद करा रहे हैं, उसी सूबे के बैतूल जिले में ठेकेदार मुनादी कर शराब सस्ती होने की जानकारी गांव–गांव में जोर शोर से दे रहा है। जिले का आबकारी विभाग ठेकेदार के सामने नतमस्तक नजर आ रहा है और प्रशासन को मुनादी सुनाई नही दे रही है।
शराब सस्ती होने की मुनादी करने का मामला बैतूल जिले में मुलताई तहसील के ग्राम मासोद में सामने आया है।शराब दुकान के ठेकेदार द्वारा शराब सस्ती होने की मुनादी खुलेआम कराई गई है। इसके लिए बकायदा ढोल पीटकर जगह जगह मुनादी में कहा जा रहा है कि शराब सस्ती हो गई है साथ ही शराब की बोतलें कितनी सस्ती की गई है यह भी बताया जा रहा है।
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आबकारी अधिकारी इसे नियम विरूद्ध बताते हुए कह रह हैं कि ना तो शराब कम मूल्य पर बेच सकते हैं और ना ही इसका प्रचार प्रसार कर सकते हैं। इसके बावजूद मासोद में मुनादी चालू हैं वहीं ग्रामीण शराब सस्ती होने का पूरा फायदा उठाते हुए शराब दुकान पर पहुंचकर शराब खरीद रहे हैं। बताया जा रहा है कि मासोद में खुलेआम चौक चौराहों पर शराब सस्ती होने की मुनादी करके बताया गया है कि शराब के मूल्य में भारी गिरावट की गई है। इसके साथ ही ग्राहकों को लुभाने के लिए शराब की बोतलों के मूल्य भी बताए गए कि कौन सी शराब कितनी सस्ती हुई है। बाजार चौक में की जा रही मुनादी के समय वहां महिलाओं सहित बच्चे भी मौजूद थे। - Kheti Kisani News: गन्ने की भरपूर पैदावार और कचरे को खत्म करने का देसी जुगाड़
आबकारी निरीक्षक गौरव पांडे ने के अनुसार शराब का दुकान पर भी फ्लैक्स लगाकर कम मूल्य का प्रचार प्रसार नही किया जा सकता। मासोद में शराब ठेकेदार द्वारा मुनादी करा के सस्ती शराब बेचने के मामले में उन्होने बताया कि यह पूरी तरह नियम विरूद्ध है वे इसकी जांच कर उचित कार्यवाही करेंगे।
31 मार्च के पहले स्टाक खत्म करना है:
बताया जा रहा है कि 31 मार्च को ठेका खत्म होने के पूर्व शराब ठेकेदार द्वारा पुराना स्टाक खत्म करने के लिए शराब को सस्ती दरों पर बेचा जाता है ताकि अधिक से अधिक शराब की बिक्री हो सके। इधर शराब सस्ती होने से लोग आवश्यकता से अधिक शराब लेकर स्टाक कर लेते हैं क्योंकि दूसरा ठेका होने पर फिर शराब को पुराने मूल्य पर बिक्री की जाती है।
एैसी स्थिति में कई बार शराब दुकानों पर बड़े बड़े बैनर पोस्टर एवं फ्लैक्स लगाकर शराब सस्ती होने का प्रचार प्रसार किया जाता है लेकिन मासोद में इससे एक कदम आगे जाकर खुलेआम शराब सस्ती होने का मुनादी करने प्रचार प्रसार किया जा रहा है।