Betul News : गैर जिम्मेदार के हाथ में धारुल अंबा देवी मंदिर के संचालन की व्यवस्था

Arrangement for operation of Dharul Amba Devi temple in the hands of irresponsible

वर्ष 2017 में आठनेर थाना प्रभारी ने ट्रस्ट बनाने के लिए लिखा था पत्र

बैतूल। धारुल के अंबा देवी मंदिर में ट्रस्ट का गठन नहीं होने के चलते हैं यहां विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। मां बगलामुखी साधक रविंद्र मानकर ने इस संबंध में जनपद पंचायत आठनेर को पत्र लिखकर आग्रह किया, लेकिन अब तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते मंदिर का संचालन गैर जिम्मेदारों के हाथ में है। श्री मानकर ने बताया कि आरटीआई में मिले दस्तावेज के अनुसार इसकी जानकारी आठनेर थाना प्रभारी द्वारा तहसीलदार आठनेर को दी थी। आठनेर थाना प्रभारी द्वारा तहसीलदार आठनेर को सितंबर 2017 को अंबा देवी मंदिर धारूल में ट्रस्ट समिति का गठन करने के लिए पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया कि धारुल आठनेर थाना क्षेत्र में अंबा देवी मंदिर स्थित है जिसमें महाराष्ट्र के लोगों का आना जाना एवं धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन लगातार जारी रहता है। मंदिर विख्यात होने के कारण आठनेर थाना क्षेत्र एवं मोर्शी थाना क्षेत्र के अलग-अलग समाज एवं संगठन लगातार मंदिर पर अपना हक जमा कर अपना प्रभुत्व स्थापित कर मंदिर को अपने आधिपत्य में लेना चाहते हैं जिससे लगातार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

पार्किंग को लेकर भी होता है विवाद

मानकर ने बताया कि वर्ष 2015 में इस मंदिर में चोरी की घटना भी हो चुकी है। मंदिर में पार्किंग को लेकर अंबा देवी युवा मंडल व मंदिर के पुजारी के बीच लगातार विवाद होता रहता है। वहीं आठनेर कस्बे के भोजराव गायकवाड भी मंदिर में आयोजन को लेकर लगातार विवाद उत्पन्न कर रहे हैं। मानकर का कहना है कि मंदिर का विस्तार हो रहा है। चढ़ावे व चंदा की राशि भी प्रतिदिन बड़ी मात्रा में एकत्रित हो रही है। उपरोक्त परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर में ट्रस्ट गठन किया जाए ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना ना हो।

धार्मिक आस्था को पहुंचाई जा रही ठेस

मानकर ने बताया कि भोजराव गायकवाड़ आठनेर सहकारी समिति में कार्यरत हैं, वह अंबा माई धारुल देवी धाम में समिति में अध्यक्ष भी है। मानकर का आरोप है कि अध्यक्ष द्वारा मंदिर की मर्यादा भंग की जा रही है। परिवार के साथ अंबा देवी के गर्भ गृह में मूर्ति के समक्ष केक रख़ कर फोटो खींची जाती है। जिससे लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है। उन्होंने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच करते हुए समिति गठित करने की मांग की है।

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