Betul News : प्राइवेट टेस्ट और दवाइयों के नाम पर राठी अस्पताल ने फाड़ा 32 हजार का बिल

Betul News: In the name of private tests and medicines, Rathi Hospital tore a bill of 32 thousand

आयुष्मान कार्ड के बावजूद मरीजों से वसूली की शिकायतें  आ रही सामने

बैतूल। आयुष्मान कार्ड के बावजूद मरीजों से वसूली की शिकायतें आए दिन सामने आ रही हैं। सोमवार को शहर के राठी अस्पताल के खिलाफ एक मरीज के परिजन ने प्राइवेट टेस्ट और दवाइयों के नाम पर 32000 की वसूली करने का आरोप लगाया है। ग्राम नांदू पोस्ट धाराखोह, तहसील घोड़ाडोंगरी निवासी शिकायतकर्ता दिनेश सोने पिता स्वर्गीय श्री नन्दलाल सोने, जाति मेहरा, निवासी ग्राम नांदू पोस्ट धाराखोह, तहसील घोड़ाडोंगरी ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ को शिकायत करते हुए बताया कि उनकी माता कौशल सोने 68 वर्ष को बुखार और सिर में दर्द होने पर राठी हॉस्पिटल बैतूल लाया था। उन्होंने हॉस्पिटल के स्टाफ को आयुष्मान कार्ड होने की जानकारी दी थी।

हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा कहा गया कि जब मरीज को भर्ती करेंगे तब इसकी जानकारी देना। इसके बाद उन्होंने डॉ. नूतन राठी को दिखाया उनकी सलाह अनुसार ईसीजी एमआरआई ब्लड टेस्ट उन्होंने स्वयं के व्यय पर करवाया। इसके बाद डॉक्टर राठी ने टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद उपचार की बात कही और कुछ दवाइयां लिख दी। अगले दिन एडमिट करने का कहा गया। 15 अक्टूबर 22 को पुनः राठी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टर द्वारा एडमिट कर लिया गया। फिर से खून जांच की गई और उपचार चालू किया गया। उपचार में आने वाली दवाई, गोली, बॉटल सभी वहीं के मेडिकल से खरीदने को कहा गया।

इसी तरह 16 अक्टूबर को भी किया गया। उपचार के उपरांत भी उनकी मां को आराम नहीं हो रहा था। डॉक्टर से चर्चा करने पर 17 अक्टूबर को फिर से खून जांच करवाई गई। रिपोर्ट आने के बताया गया कि उनकी मम्मी को डेंगू हो गया है। इसके उपरांत डेंगू का उपचार शुरू किया गया, 19 अक्टूबर 22 को डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज के समय अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनसे प्राइवेट टेस्ट और दवाइयों के नाम पर 32 हजार रु की वसूली की गई।

प्राइवेट टेस्ट से आयुष्मान कार्ड का कोई लेना देना नहीं

आवेदक ने बताया कि 19 अक्टूबर को डिस्चार्ज करते समय उन्होंने हॉस्पिटल स्टाफ से आयुष्मान कार्ड के संबंध में चर्चा की, हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा उन्हें जानकारी दी गई कि आयुष्मान कार्ड पर केवल बेड चार्ज और हॉस्पिटल द्वारा लगाई गई दवाइयां मुफ्त होती है। बाकी जो आपने प्राइवेट में टेस्ट कराए और मेडिकल से दवाई खरीदी उनका इससे कोई लेन देन नहीं है जबकि सारे टेस्ट के लैब मेडिकल हॉस्पिटल के ही है। जब डिस्चार्ज फाइल तैयार की गई उसी समय एक और फाइल बनाई गई पूछे जाने पर बताया गया कि ये फाइल आयुष्मान विभाग को भेजी जाएगी और उस पर हस्ताक्षर करवा लिए गए।

आवेदक का कहना है कि आयुष्मान कार्ड पर हॉस्पिटल द्वारा कितनी राशि शासन से ली गई इसकी जानकारी उन्हे नही है। आवेदक ने मांग की है कि हॉस्पिटल द्वारा बेड चार्ज के अतिरिक्त अन्य कोई अवैध राशि शासन से प्राप्त की गई है तो संबंधित हॉस्पिटल से राशि वसूल कर उन्हें प्रदान की जाए।

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