Betul News : लाखापुर में शासकीय भूमि की हो रही बंदरबांट, पटवारी ने अपात्रों को बांट दिए पट्टे

Betul News: Government land is being distributed in Lakhapur, Patwari distributed leases to ineligible


बैतूल। जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लाखापुर में हल्का पटवारी द्वारा पद का दुरुपयोग कर नियम विरुद्ध तरीके से शासकीय भूमि के पट्टे वितरण करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पर पदस्थ हल्का पटवारी योगेश झरबड़े करोड़ों की शासकीय भूमि को रेवड़ी की तरह बाटकर लाखों के वारे न्यारे कर रहा है।
करोड़ों की सरकारी जमीन ग्राम पंचायत की बिना अनुमति से बांटे जाने के मामले में ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर कलेक्टर से शिकायत की है।

ग्राम के सरपंच दुलारी, उपसरपंच मंगरिया यादव, पंच अशोक, घनश्याम, रामप्रसाद धुर्वे, अरुण यादव, कन्हैया लाल, मेवा प्रसाद यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम लखापुर प्राइमरी स्कूल की शासकीय भूमि पर पटवारी योगेश झरबड़े की मिलीभगत से अवैध कब्जा किया जा रहा है। पद का दुरुपयोग कर पटवारी ग्राम पंचायत से बगैर अनुमति लिए रिश्वत लेकर अपात्रों को पट्टे का वितरण कर रहा है। ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर पटवारी अभद्र व्यवहार कर रहा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों ने हल्का पटवारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लाखापुर पंचायत से हटाने की मांग की है।

कांग्रेस विधायक को बताई समस्याएं 

ग्रामीणों ने कांग्रेस विधायक निलय डागा को भी ज्ञापन प्रेषित कर पटवारी की करतूतों से अवगत कराया है। प्रेषित शिकायत आवेदन में ग्रामीणों ने पटवारी के खिलाफ अभद्र व्यवहार, अपशब्दों का उपयोग, अवैध वसूली, कार्य के बदले रिश्वत व भेदभाव करने जैसे गंभीर आरोप लगाए है। ग्रामीणों का कहना है कि योगेश झरबड़े की शासकीय कार्य प्रणाली ठीक नहीं है, पटवारी को तत्काल प्रभाव से हल्के से हटाया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि विगत 18 अप्रैल को हल्का पटवारी की शिकायत कलेक्टर से की गई थी इसके बावजूद पटवारी का स्थानांतरण ना होने के कारण वह ग्राम वासियों को धमका रहा है। हल्का पटवारी द्वारा ग्रामीणों से रिश्वत की मांग करते हुए कहा जा रहा है कि जल्दी से जल्दी अपना काम करवा लो नहीं तो अपनी भूमि का सीमांकन एवं रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं कर पाएंगे।

सीमांकन के बदले 40 हजार रिश्वत मांगने का आरोप

लखापुर निवासी गजानंद पिता जगदीश यादव और बस्तीराम पिता भादू कवड़े ने पटवारी संतोष झरबडे के खिलाफ फर्द बटन और सीमांकन के लिए 40 हजार रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। गजानंद ने कि उनके पिता द्वारा एक पारिवारिक बंटवारे का प्रकरण न्यायालय तहसीलदार बैतूल के समक्ष प्रस्तुत किया था जिसके फर्द बटान एवं सीमाकंन कराने हेतु शपथकर्ता ने हल्का पटवारी से सम्पर्क किया तो हल्का पटवारी द्वारा कहा गया कि यदि शीघ्र काम निपटाना है तो कुछ सम्मानजनक निधि का भुगतान मुझे करना होगा। जब योगेश झरबड़े से मिलकर सम्मानजनक निधि का मतलब समझा तो उन्होंने समस्त कार्यों के लिये 40 हजार रु. की मांग की और रूपये नही देने पर फर्द बटान बनाने में आना-कानी करने लगे।

गजानंद ने बताया कि उन्होंने कन्हैया यादव के सामने हल्का पटवारी योगेश झरबड़े को 35 हजार रु. नगद माह जनवरी 2023 में दिये। हल्का पटवारी द्वारा फर्द बटान बनाकर न्यायालय तहसील बैतूल में प्रस्तुत कर दिया है किन्तु भूमि का सीमांकन नहीं किया जा रहा है। पटवारी द्वारा कहा जा रहा है कि जब तक और पैसे नहीं देंगे सीमांकन नहीं किया जाएगा और होने भी नहीं देंगे। बस्तीराम का कहना है कि पटवारी द्वारा पैसे लेने के बाद भी उनका काम नहीं किया जा रहा है शिकायत करने की बात पर पटवारी द्वारा कहा जाता है कि रिश्वत दी है तो साबित करना पड़ेगा, उल्टा तुझे ही फसा दूंगा। ऐसी स्थिति में आवेदक मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं।

लाखापुर गांव के लगभग एक सैकड़ा ग्रामीणों ने हल्का पटवारी की शिकायत की है। ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी द्वारा छोटे छोटे काम के लिए भी बैतूल बुलाया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि वह कृषक, मजूदर वर्ग गरीब तबके के लोग है। हल्का पटवारी योगेश झरबड़े ज्यादातर समय हल्के से अनुपस्थित रहते हैं। छोटे छोटे कार्य के लिये ग्रामवासियो को बैतूल बुलाते है और अभद्र भाषा का ज्यादातर उपयोग कर डराते धमकाते है। हमारे छोटे छोटे कार्य जैसे प्राकृतिक आपदा से मकान नुकसान या फसल नुकसान एवं अन्य कार्य का सर्वे आंकलन करने में भेदभाव करते है और भूमिहीन को शासकीय पट्टा काटने के एवज में डायरेक्ट इनडायरेक्ट रूपयो की मांग करते हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पटवारी योगेश झरबड़े ग्राम के जनप्रतिनिधियों की बातो को भी अनसुना अनदेखा करते है। वर्तमान में ओलावृष्टि के समय जब ग्राम में विधायक द्वारा नुकसानी का सर्वे किया गया तब भी हल्का पटवारी मौके से अनुपस्थित रहे। ग्राम में पूर्व मे मुख्यमंत्री द्वारा भूमिहीन व्यक्तियों को शासकीय भूमि के पट्टे वितरण किये गये है उन्हें ना मानते हुये कहते है कि पूर्व के सारे पट्टे निरस्त हो चुके है। हल्का पटवारी अपने पसंदीदा व्यक्तियों को शासकीय भूमि का पट्टा काटकर आर्थिक लाभ कमा रहा है। पूछने पर संतोषजनक जवाब न देकर अभद्र व्यवहार करते हैं, ग्राम में ड्रोन कैमरे से सर्वेक्षण किया गया है किन्तु ग्राम पंचायत से उसका अनुमोदन भी नही करवाया गया है। समस्त ग्रामवासी हल्का पटवारी की कार्यप्रणाली से अत्यंत परेशान है।

इन्होंने सौंपा ज्ञापन 

पटवारी के खिलाफ ज्ञापन सौंपने वालों में ग्रामीण गोकुल यादव, हुकुमचंद, महेश यादव, छोटू यादव, मेघराज यादव, रामविलास यादव, लच्छू, शंकर यादव, सुदामा यादव, जसवंत, अरुण यादव, घनश्याम यादव, संतु, पूरनलाल, मंटू बस्तीराम, भादर, मानक, फगन, संजू, शिवराम, मनीराम, रमेश सुकलाल, गजानंद यादव, अमर, बाबूलाल, प्रेम, दीनू वटके, पप्पू, सेवाराम, दिनेश, रमेश, पवन, गोविंद, नंदू, अंकित, अरुण उईके, दिलीप उईके, लता, धन्नू, रमेश यादव, बस्तीराम यादव, कमलेश धुर्वे, रघुनाथ उईके, देवेश शिवचरण आदि ग्रामीण शामिल है।

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