Worshiped the parents: स्वदेशी मेले में बच्चों ने अपने माता-पिता का किया पूजन 

संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से मनाया मातृ पितृ पूजन दिवस

वैदिक मंत्रों के साथ पूजन, आरती और परिक्रमा ने किया भाव-विभोर

बैतूल। शहर के पुलिस ग्राउंड में चल रहे स्वदेशी मेले के मंच पर गुरुवार रात एक भावुक और अनुकरणीय आयोजन किया गया। श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल ने संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने माता-पिता का पूजन किया। वैदिक मंत्रों के साथ माता-पिता की आरती उतारी गई, परिक्रमा की गई और चरण-स्पर्श कर आशीर्वाद लिया गया। यह दृश्य बच्चों और माता-पिता के साथ वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया।

– पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण को रोकने का प्रयास

श्री योग वेदांत सेवा समिति के संरक्षक राजेश मदान ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति की ओर बढ़कर अपने माता-पिता के महत्व को भूलती जा रही है। बूढ़े माता-पिता वृद्धाश्रम भेजे जा रहे हैं, और परिवार टूट रहे हैं। पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने 14 फरवरी 2007 से मातृ पितृ पूजन दिवस की शुरुआत की थी ताकि बच्चों के मन में माता-पिता के प्रति आदर और पूज्य भाव जागृत हो। इसी प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए बैतूल में यह आयोजन किया गया।

– सैकड़ों ने लिया भाग, बांटे पर्चे

स्वदेशी मेले में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों परिवारों ने भाग लिया। मंच पर पूजन विधि के दौरान बच्चों और माता-पिता की भावनाएं देखते ही बन रही थीं। समिति ने मेले में आए लोगों के बीच मातृ पितृ पूजन दिवस के संदेश और पूजन विधि से संबंधित पर्चे भी वितरित किए।

कार्यक्रम के दौरान समिति ने सभी नागरिकों से अपील की कि 14 फरवरी को अपने-अपने घरों में माता-पिता का पूजन कर इस दिवस को मनाएं। समिति ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में माता-पिता के प्रति सम्मान की भावना बढ़ेगी। वृद्धाश्रमों की संख्या घटेगी, और संयुक्त परिवारों का महत्व फिर से स्थापित होगा।

– सहयोग से बना आयोजन सफल

इस आयोजन को सफल बनाने में समिति के संरक्षक राजेश मदान के साथ राजीव रंजन झा, रविकांत आर्य, मोहन मदान, शैलेंद्र रघुवंशी, आशाराम पवार, एल बी गायकवाड, सुरेंद्र कुंभारे, रामराव कड़वे, किशोरी झरबड़े, पिंटू बारस्कर, महेश धान्डोले, नीतू झा, रूपा विश्वकर्मा, फूला झरबडे, सविता धान्डोले सहित अन्य साधकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम की समाप्ति पर उपस्थित लोगों ने मुक्त कंठ से इस आयोजन की सराहना की। लोगों ने कहा कि यह पहल युवाओं को सही दिशा देने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास है।

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