Wild Life : घायल हिरण और उसके शावक की मौत का कौन जिम्मेदार

सारणी में जंगल से भटक कर पहुंचा था हिरण और शावक

TODAY BETUL NEWS : बैतूल। जिले के सारणी नगर में जंगल से भटक कर पहुंच गए हिरण और उसके शावक को पकड़कर वन विभाग के हवाले तो कर दिया गया था लेकिन एक के बाद एक दोनों की मौत हो गई। इससे वन विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। आम लोगों का कहना है कि वन्यप्राणी संरक्षण के दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन जिले का वन विभाग इनके प्रति कितना संवेदनशील है यह इस घटना से सामने आ गया है।

दरअसल 9 अगस्त को नगर में हिरण के बच्चे को नगर के लोगों ने भटकते हुए देखा। कुत्तों के द्वारा उसका पीछा किया जा रहा था। लोगों ने उसे पकड़कर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया था। उसी दिन सूचना मिली थी कि एक मादा हिरण को कुत्ते ने घायल कर दिया है। शहर के आसपास की झाड़ियां और नालों में मादा हिरण भटक रही है। लोगों की सूचना पर हिरण की तलाश की गई लेकिन कहीं पर भी पता नहीं लगा। 17 अगस्त को सारणी में ट्रिपल स्टोरी के पास घायल अवस्था में हिरण को लोगों ने घूमते देखा। इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी और हिरण की तलाश शुरू कर दी। वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाले समाजसेवी आदिल खान और अन्य लोगों ने घायल हिरण को पकड़ लिया और वन विभाग के रेस्टहाउस पहुंचाकर पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचना देकर उसका इलाज प्रारंभ कराया। अगले ही दिन हिरण की मौत हो गई।

आदिल खान का आरोप है कि वन विभाग के पास सारणी में जब कोई सुविधा नहीं है, तो फिर हिरण के शावक को यहां रखा ही क्यों। उसे समय रहते वन विहार भोपाल पहुंचा दिया जाता तो उसकी जान बच जाती। उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने की शिकायत प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी असीम श्रीवास्तव से भी की है।

उन्होंने मांग की है कि उत्तर वन परिक्षेत्र सारणी में वन्यजीवों के जानकारों, वन विहार, राष्ट्रीय उद्यानों में सेवारत अधिकारी, कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। वन विभाग में भी अधिकारी, कर्मचारी वन्यजीवों को रेस्क्यू करने से लेकर उनकी देखभाल करने तक सभी में योग्य हों। उत्तर वन परिक्षेत्र के जंगल में वन्यजीवों की हलचल हमेशा ही बनी रहती है। वहीं सारनी क्षेत्र में स्थाई पशु चिकित्सा अधिकारी की भी नियुक्ति नहीं हुई है। जिसको लेकर भी आदिल खान ने पशु चिकित्सा विभाग को कुछ महीने पहले पत्र लिखा था। इस पर आज तक प्रशासन की ओर से भी अमल नहीं किया गया है।

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