water testing training: 10 ग्रामों के जल एवं स्वच्छता समिति सदस्यों को दी जल परीक्षण की ट्रेनिंग
रासायनिक तत्वों के प्रभाव और शुद्ध जल की आवश्यकता पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी
सुंदरम लॉन खेड़लीबाजार में जल जीवन मिशन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
बैतूल। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत सुंदरम लॉन, खेड़लीबाजार में तीन दिवसीय समुदाय स्तरीय हितधारकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यपालन यंत्री मनोज बघेल और जिला समन्वयक जल जीवन मिशन भूपेंद्र मेनवे के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामोद्योग संस्थान मुख्य संसाधन केंद्र की भूमिका रही। इस प्रशिक्षण में विकासखंड आमला के ग्राम केहलपुर, बिजरता रैयत, कलमेश्वरा, काठी, डोडावानी, कुटखेड़ी, मालेगांव, पस्ततलाई रैयत, बुचनवाड़ी और खटगढ़ के ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों ने भाग लिया।
जल जीवन मिशन के मास्टर ट्रेनर महेश गुंजेले ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि जल जीवन का आधार है और इसकी गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है। प्राकृतिक जल पूर्णतः शुद्ध नहीं होता, उसमें कई अशुद्धियां होती हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जल की गुणवत्ता जांचने और उसे सुरक्षित बनाने की प्रक्रिया से ग्रामीणों को अवगत कराना था।
– पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए किए गए विभिन्न परीक्षण
समिति के सदस्यों को पानी के पीएच मान, क्लोरीन, हार्डनेस, क्लोराइट, अल्कालिनिटी, आयरन, नाइट्रेट, टर्बिडिटी, फ्लोराइड, अमोनिया सहित कई अन्य परीक्षणों की जानकारी दी गई। सदस्यों को बताया गया कि पानी में मौजूद कुछ रासायनिक तत्व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। बोरॉन और पारा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। क्लोराइड और सोडियम रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं। शीशा बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न करता है और वयस्कों में किडनी की समस्या पैदा कर सकता है। नाइट्रेट शिशुओं में ब्लू बेबी सिंड्रोम का कारण बनता है, जबकि कीटनाशकों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। फ्लोराइड दांतों की सड़न और हड्डियों के विकार उत्पन्न करता है। सोडियम उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक है जो पहले से ही हृदय, गुर्दे और रक्त परिसंचरण संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। लोहा (आयरन) पेट की बीमारियों को बढ़ाता है, सल्फेट मैग्नीशियम के साथ मिलकर दस्त (डायरिया) का कारण बनता है। कैडमियम हड्डियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जबकि आर्सेनिक त्वचा रोगों और कैंसर का कारण बनता है।
– नेतृत्व विकास पर हुई चर्चा
प्रशिक्षण के पहले दिन जल जीवन मिशन के उद्देश्य, पानी की गुणवत्ता, मध्यप्रदेश सरकार के राजपत्र, जल जीवन मिशन के परिप्रेक्ष्य में जिम्मेदारी और नेतृत्व विकास पर चर्चा हुई। दूसरे दिन ग्राम केहलपुर का भ्रमण कराया गया, जहां सामाजिक मानचित्रण और संसाधन मानचित्र रंगोली के माध्यम से तैयार किया गया। इसके बाद गांव का भ्रमण कर जल जीवन मिशन के तहत किए गए कार्यों का अवलोकन किया गया। तीसरे दिन जल संरक्षण, जल गुणवत्ता और निगरानी के साथ स्थानीय कौशल विकास पर चर्चा की गई तथा हर घर जल ग्राम प्रोटोकॉल से प्रतिभागियों को परिचित कराया गया।
– समय-समय पर जल परीक्षण करने का लिया संकल्प
प्रशिक्षण में जल जीवन मिशन के मास्टर ट्रेनर महेश गुंजेले, निलेश रघुवंशी के साथ 10 ग्रामों के पंचायत सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और पंप ऑपरेटर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सभी प्रतिभागियों ने जल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने और समय-समय पर जल परीक्षण करने का संकल्प लिया। विशेषज्ञों ने बताया कि शुद्ध पेयजल हर व्यक्ति का अधिकार है और इसे सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता जरूरी है। जल जीवन मिशन के तहत आगे भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि हर गांव में सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।