Vidisha Borvel News: बोरवेल में फंसे लोकेश को बचाने के लिए बनाई जा रही सुरंग, सलामती के लिए हो रही प्रार्थना

Vidisha Borvel News: Tunnel being built to save Lokesh trapped in borewell, praying for safety

बोरवेल में फंसा लोकेश। (इंटरनेट मीडिया)
Vidisha Borvel News: विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में मंगलवार कच्चे बोरवेल में गिरे 7 वर्षीय बालक लोकेश को सकुशल निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। 60 फीट गहरे बोर में लोकेश करीब 43 फीट पर फंसा हुआ है। जेसीबी और पोकलेन से पिछले 20 घंटे से खुदाई की गई और अब सुरंग बनाने का काम किया जा रहा है।
मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे खेत में चना की फसल काट रहे मजदूर दिनेश अहिरवार का बेटा सात वर्षीय लोकेश अहिरवार पड़ोस के खेत में खुले पड़े बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। जिसे बचाने के लिए दोपहर 12 बजे से रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। बुधवार सुबह 9 बजे तक 21 घंटे हो चुके है लेकिन अब तक बोरवेल में फंसे बच्चे को बाहर नहीं निकाला जा सका है।
मौके पर मौजूद कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने मीडिया को बताया कि बच्चे को बोरवेल से निकालने के लिए बोरवेल से कुछ दूरी पर गड्ढा खोदा गया है। इसके बाद गड्ढे से बोरवेल के बीच सुरंग बनाकर बच्चे को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। खुदाई का कार्य अंतिम चरण में है। इस सुरंग के माध्यम से टीम के सदस्य बोरवेल के गड्ढे तक पहुंचकर बच्चे को बाहर निकालेंगे।
उन्होंने बताया कि यहां पहले छह बुलडोजर और तीन पोकलेन मशीन से खुदाई की जा रही थी। रात के समय दो पोकलेन अतिरिक्त बुलवाई गई है। अब पांच पोकलेन मशीन खुदाई कर रही है। बोरवेल में फंसे बच्चे पर नाइट वाचिंग कैमरे की मदद से नजर रखी जा रही है लेकिन मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि बच्चे के शरीर में रुक रुककर हलचल दिखाई दे रही है। जिसके कारण बच्चे के माता-पिता और स्वजनों की चिंता बढ़ गई है।

साड़ी की रस्सी बनाकर बाहर निकालने का किया था प्रयास

 

लोकेश के पिता दिनेश अहिरवार ने बताया कि बेटे की गड्ढे में गिरने की खबर मिलते ही वे पड़ोस के खेत में पहुंचे। उन्होंने गड्ढे में नीचे देखा तो लोकेश दिखाई दे रहा था और उसके रोने की आवाज भी आ रही थी। तत्काल कोई बचाव का साधन नहीं मिलने पर उन्होंने साड़ी की रस्सी बनाई और उसे गड्ढे में नीचे डाला। इस रस्सी को लोकेश ने पकड़ लिया था और वे रस्सी के सहारे बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान अचानक रस्सी टूट गई और लोकेश गड्ढे में और नीचे चला गया। चार साल से खुला पड़ा है बोरवेल ग्रामीणों ने बताया कि यह खेत खेरखेड़ी पठार के ही रहने वाले राधेलाल अहिरवार का है। करीब चार बीघा खेत में सिंचाई के लिए राधेलाल ने चार साल पहले बोर कराया था लेकिन पानी नहीं निकलने की वजह से इस बोर के गड्ढे को खुला ही छोड़ दिया। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।

भूखा-प्यासा है बोरवेल में फंसा लोकेश

 

60 फीट गहरे बोरवेल में फंसा बच्चा लोकेश पिछले 18 घंटे से भूखा है। बच्चे को पाइप के माध्यम से आक्सीजन तो उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन उस तक भोजन पहुंचा पाना मुश्किल हो रहा है। कलेक्टर भार्गव के मुताबिक बच्चा ऐसी स्थिति में फंसा है कि उसे तरल पदार्थ भी नहीं दे पा रहे है।

 

सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे

 

खेत में बोरवेल के किनारे बैठे माता – पिता, भगवान से बच्चे को बचाने की गुहार लोकेश के बोरवेल में गिरने के बाद से उसके पिता दिनेश, मां सीमा बाई के अलावा दादा, दादी भी बोरवेल के किनारे बैठकर ही बच्चे की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे है। मां सीमा का रोते रोते गला बैठ गया। उसका कहना था कि भगवान किसी भी तरह उसके बच्चे को बचा ले, फिर वह कभी अपने साथ काम पर लेकर नही जाएगी। पिता दिनेश का कहना था कि दो सौ रूपये रोज की मजदूरी के लिए वे खेत में चना काटने आए थे। उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा इतनी बड़ी मुसीबत में फंस जाएगा।

 

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