Today Betul News: सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के अफसर करा रहे कबाड़ की चोरी, पुलिस की पड़ताल में खुली पोल

Today Betul News : बैतूल।मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के बैतूल जिले में स्थित सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में जिम्मेदार अफसरों की मिली भगत से लाखों रुपए का कबाड़ चोरी किया जा रहा है। मंगलवार रात में पुलिस ने कबाड़ लेकर जा रहे ट्रक का तौल वेकोलि और निजी तौल कांटे पर कराया तो करीब 15 टन कबाड़ अधिक भरा पाया गया। अब पुलिस अपनी निगरानी में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के कोल हैंडलिंग प्लांट के उसी तौल कांटे पर कबाड़ से भरे ट्रक का तौल करा रही है जिस पर तौल करने के बाद ट्रक को अधिकृत रूप से परिवहन की अनुमति मिल गई थी।
दरअसल सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में  शोभापुर खदान से जिस कन्वेयर बेल्ट लाइन के जरिए कोयला पहुंचाया जाता था उसे तोड़ा जा रहा है। इसका काम इंदिरा इस्पात उद्योग तमिलनाडु द्वारा किया जा रहा है। बेल्ट लाइन से निकल रहे  स्क्रैप को ट्रकों में भरकर कर्नाटक भेजा जा रहा है। प्लांट से कबाड़ भरने के बाद इनका तौल  कोल हैंडलिंग प्लांट के तौल कांटे पर किया जाता है। यहां पर ही कंपनी को चूना लगाने का काम हो रहा है।
मंगलवार रात में ताप विद्युत गृह   के स्टोर से भारत स्टील ट्रेडिंग कंपनी का ट्रक क्रमांक – केए01-एएच 7710 लगभग 9 टन स्क्रैप भरकर कोल हैंडलिंग प्लांट से घोड़ाडोंगरी की ओर रवाना हुआ। सारणी  टीआई रत्नाकर हिंग्वे ने संदेह के आधार पर ट्रक रोककर जांच की और छतरपुर टू कोयला खदान के तौल कांटे पर ले जाकर ट्रक का तौल कराया। जिसका वजन 29240 किलोग्राम आया है। जबकि कोल हैंडलिंग प्लांट पर किए गए तौल में ट्रक का कुल वजन 16 टन पाया गया था। यही ट्रक जब दूसरे तौल कांटे पर जाता है तो वजन अचानक बढ़कर 29 टन हो जाता है। महज कुछ किमी के रास्ते में हवा या धूल से करीब 14 टन वजन बढ़ने के पीछे कौन हैं यह पुलिस और पावर जनरेटिंग कंपनी के अफसरों के लिए खोज और शोध का विषय है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग एक सप्ताह से भारत स्टील ट्रेडिंग कंपनी द्वारा सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट से स्क्रैप लोड करके परिवहन किया जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब तक पावर प्लांट सारणी को भारत स्टील ट्रेडिंग कंपनी द्वारा कितने का चूना लगाया जा चुका है।
मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के सारणी स्थित कोल हैंडलिंग प्लांट यानी कि सीएचपी के तौल कांटे पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल जिस ट्रक में 13 से 14 टन स्क्रैप ज्यादा निकला है। वह ट्रक कोल हैंडलिंग प्लांट में ही वजन किया गया था। इसका सीधा मतलब है कि कोल हैंडलिंग प्लांट का तौल कांटा सवालों के घेरे में है।
डब्ल्यूसीएल के छतरपुर खदान और प्राइवेट तौल कांटा सही है तो सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट को कोल हैंडलिंग प्लांट के तौल कांटे से अब तक करोड़ों रुपए की चपत लग चुकी है।

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