Tiger In Betul :टाइगर को पसंद आ रहा सारणी का इलाका, क्या फिर लौट आया सरज

सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी के पास टाइगर की मौजूदगी से वन विभाग ने बढ़ाई सतर्कता

Tiger News Betul : बैतूल। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सटे सारणी क्षेत्र का जंगल आखिर बाघों को क्यों भा रहा है। यह सवाल इन दिनों बैतूल जिले के लोगों के मन में उठ रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि पिछले तीन दिन से एक बाघ के सारणी में मौजूदगी बनी हुई है। शुक्रवार रात में उसे सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी के पास देखने का दावा किया गया है। इसके बाद एसटीआर और स्थानीय वन विभाग की टीम बेहद सतर्कता के साथ निगरानी करने में जुटी हुई है।

शनिवार को सुबह से शाम तक वन विभाग का अमला ड्रोन की मदद से बाघ किस स्थान पर मौजूद है उसकी खोज में जुटी रही। वन विभाग और एसटीआर की टीम को यह आशंका है कि कहीं वर्ष 2019 में जिस बाघ को ट्रेकुलाइज कर भोपाल के वन विहार और वहां से कान्हा टाइगर रिजर्व में पहुंचाया गया था वह तो वापस नहीं लौट आया है। बाघ को सारणी क्षेत्र से दो बार खदेड़कर टाइगर रिजर्व में पहुंचाने के बाद उसे सरज नाम भी दे दिया गया था। आशंका है कि उसे सारणी की आबोहवा और भोजन की उपलब्धता इतनी अधिक भा गई है कि एक बार फिर लौट आया है।

बाघ पर नजर रखने विभाग ने चार टीमें बना रखी हैं। इसके अलावा दिन में ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है जबकि रात में नाइट विजन कैमरा लगा रखा है। फिर भी यह बाघ कैमरे में कैद होने के बजाय वन विभाग की टीम को चकमा देकर शान से घूम रहा है। शुक्रवार शाम को सीएचपी में बाघ की मौजूदगी मिली। जहां वन विभाग के आलाअफसर पहुंचे। बाघ पर कड़ी निगरानी रखी। रात करीब 8 बजे कोल हैंडलिंग प्लांट से निकलकर बाघ कब सीडब्ल्यू पंप हाउस तरफ जा पहुंचा इसकी विभाग को भनक तक नहीं लगी।

प्लांट में बाघ की मौजूदगी से अफरा तफरी मच गई। देर रात तक टॉर्च और बैटरी की मदद से वन विभाग की टीम पावर प्लांट के अंदर बाघ को तलाशते रहे। लेकिन सफलता नहीं मिली। सूत्र बताते है कि पंप हाउस के आसपास ऊंची घास और घनी झाड़ियों के बीच पशुओं के कंकाल मिले हैं। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है। जैसे बाघ का यहां पहले से आना जाना लगा है। अब विभाग द्वारा बाघ को कैमरे में कैद करने चिन्हित स्थानों पर नाइट विजन कैमरे लगाए हैं।

मवेशियों की हड्डियां कई स्थानों पर मिलीं

वन विभाग द्वारा सारणी क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के बाद जब वन विभाग का अमला जगह-जगह जाकर फुट प्रिंट तलाश करने पहुंच रहा है तो कई जगह पर मवेशियों की हड्डियां पाई जा रही हैं। इन मवेशियों की सामान्य मौत हुई है या शिकार हुआ है यह तो स्पष्ट नही हो पाया है लेकिन सूत्रों का दावा है कि कुछ जगह पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मवेशी का शिकार किया गया है। शनिवार को बाघ की मौजूदगी कोल हैंडलिंग प्लांट, एबी-टाइप के राखड़ नाले, पुराने गैस गोडाउन के पीछे होने की आशंका के कारण वन विभाग के द्वारा इन्हीं क्षेत्रों में निगरानी की गई। एसटीआर की टीम के द्वारा चिन्हित स्थानों पर नाइट विजन कैमरा लगाए गए हैं।रविवार को यदि इनमें से किसी कैमरे में बाघ कैद हो गया तो फिर उसे खदेड़ने या बहोश करने की रणनीति तैयार की जाएगी।

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