assembly question : कांग्रेस विधायक के विधानसभा प्रश्न के बाद सामने आया सरकार का असली चेहरा

The real face of the government came to the fore after the assembly question of Congress MLA

विधानसभा प्रश्न में ऊर्जा मंत्री का जवाब- आउटसोर्स कर्मचारियों पर समान कार्य समान वेतन का आदेश लागू नहीं होता


बैतूल। कांग्रेस विधायक निलय विनोद डागा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ छलावा किया है। इनके नेता अपने लच्छेदार भाषण में हमेशा आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने सहित अन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते रहे, लेकिन विधानसभा प्रश्न के बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के जवाब ने भाजपा नेताओं के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।

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उन्होंने बताया कि विधानसभा में आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि आउटसोर्स कार्मिक वितरण कंपनी के कर्मचारी नहीं होते, अपितु आउटसोर्स कार्मिक, बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी के कार्मिक होते हैं। अत: समान कार्य समान वेतन का आदेश उन पर लागू नहीं होता। श्री डागा ने बताया कि कुछ ही दिन पहले मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत संविदा कर्मी एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। सरकार के आश्वासन उपरांत कर्मियों द्वारा हड़ताल को स्थगित कर दिया गया। इसके बावजूद कंपनियों द्वारा बहुत से संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया। बीजेपी द्वारा यह हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ छलावा है, धोखा है। विधानसभा में सवाल उठाने पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने स्पष्टीकरण दे दिया है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर सकती।

आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में नहीं है सरकार का एक भी फैसला

विधायक श्री डागा ने बताया कि प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ लंबे समय से सरकार के सम्मुख अपनी बात रखकर मांगों को मनवाने का प्रयत्न कर रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से आउटसोर्स कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद थीं, लेकिन 18 साल से सत्ता में होने के बाद भी कोई एक भी फैसला सरकार का ऐसा नहीं है जो आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में हो आउटसोर्स कर्मचारियों ने समय-समय पर मुख्यमंत्री, मंत्रीगण तथा विधायकों के माध्यम से लगातार सरकार को अपनी मांगों को मनवाने के लिए भेंट की है लेकिन कोरे आश्वासनों के अलावा उनकी झोली में कुछ भी नहीं। इस समय प्रदेश में हजारों आउट सोर्स कर्मचारी नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य स्पंदन करते हैं तथा प्रदेश हित में अपनी सेवाएं देते हैं। इतना कुछ करने के बाद भी आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण लगातार हो रहा है।

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आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में विधायक ने किए यह सवाल

निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत कितने कर्मचारी नियमित संविदा एवं आउटसोर्स में कार्यरत हैं? (ख) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत नियमित भर्ती कितने वर्षों से नहीं की गई है? आउटसोर्स कर्मचारियों को कित ना वेतनमान दिया जाता है? क्या उनको दिए जाने वाला वेतन समान कार्य समान वेतन के अनुरूप है? क्या सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करके उनके कार्य अनुसार वेतन दिए जाने पर विचार करेगी? (ग) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत संविदा कर्मी एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। आपके आश्वासन उपरांत कर्मियों द्वारा हड़ताल को स्थगित कर दिया गया लेकिन कंपनियों द्वारा बहुत से संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया। क्या शासन निष्कासित कर्मियों को पुनः सेवा में लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो? कारण बतावें।

ऊर्जा मंत्री ने दिया यह जवाब

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल 5319 नियमित, कुल 2210 संविदा कार्मिक कार्यरत हैं एवं कुल 14046 आउटसोर्स बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से नियोजित है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विगत 4 वर्षों से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गयी है। तथापि नियमित पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। आउटसोर्स कार्मिकों को उनकी श्रेणी यथा उच्च कुशल, कुशल, अर्धकुशल, अकुशल अनुरूप राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर के अनुसार वेतन का भुगतान बाह्य सेवा प्रदाता फर्म द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आउटसोर्स कार्मिक वितरण कंपनी के कर्मचारी नहीं होते, अपितु आउटसोर्स कार्मिक, बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी के कार्मिक होते हैं। अत: समान कार्य समान वेतन का आदेश उन पर लागू नहीं होता। उक्त परिप्रेक्ष्य में आउटसोर्स कार्मिकों के नियमितीकरण / वेतन संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में किसी भी संविदा कार्मिक को हड़ताल के कारण निष्कासित नहीं किया गया है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनियों को संभावित हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में विद्युत व्यवस्था बनाए रखने हेतु उचित व्यवस्था बनाए रखने के लिये दिये गये नोटिस के तारतम्य में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा हड़ताल पर गये आउटसोर्स कार्मिकों को नोटिस जारी कर कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये थे एवं कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले आउटसोर्स कार्मिकों के विरुद्ध उनकी नियोजक बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता एजेन्सियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें कार्य से निष्कासित किया गया है। अतः इस संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।

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