Surya Grahan 2023 :साल का पहला सूर्यग्रहण आज, भूलकर भी न करें यह काम
First solar eclipse of the year today, do not do this work even by mistake
साल का पहला सूर्यग्रहण गुरुवार 20 अप्रैल को भारतीय समयानुसार सुबह 7.04 बजे लग गया। ग्रहण दोपहर 12.29 बजे तक रहेगा। यह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण है, जो 100 वर्षों में एक बार ही लगता है। यह सूर्यग्रहण दुनिया के सीमित हिस्सों में दिखेगा, यह भारत में नहीं दिखेगा। इस वर्ष पांच मई को पेनंब्रल चंद्र ग्रहण या उपच्छायी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसके बाद 14 अक्टूबर को एक बार फिर वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद 28 और 29 अक्टूबर को आंशिक चंद्रग्रहण होगा।
यह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण है, जो 100 वर्षों में एक बार ही लगता है। भारतीय समयानुसार ग्रहण सुबह 7ः04 बजे शुरू हुआ। इस साल चार ग्रहण लगेंगे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण होंगे।
क्या है हाइब्रिक सूर्यग्रहण
विज्ञानी बताते हैं कि हाइब्रिड या संकर सूर्य ग्रहण में पृथ्वी की घुमावदार सतह के चलते कभी-कभी ग्रहण वलयाकार और पूर्ण के बीच स्थानांतरित हो जाता है, इसलिए इसे हाईब्रिड कहा जाता है।
कहां-कहां नजर आ रहा सूर्यग्रहण
पश्चिमी आस्ट्रेलिया
प्रशांत महासागरीय तथा हिद महासागरीय क्षेत्र
एमस्टर्डम द्वीप समूह
दक्षिणी फ्रेंच टेरेटरी
पर्थ
जकार्ता
इंडोनेशिया
तिमोर
लेस्टे
डार्विन
आस्ट्रेलियन नार्दर्न टेरेटरी
गैंरक सानतोश द्वीप
फिलिपींस
मोनोक्वारी
पश्चिमी पापुआ
पापुआ न्यू गिनी
पोर्ट मोर्स बे
नगरूलमुद
होनैरा
सोलोमन द्वीप समूह
गुआम
साइपन
उत्तरी मारियाना द्वीप समूह
बेकर द्वीप समूह
माइक्रोनेशिया
टूवालु
किरिबाती
मार्शल द्वीप समूह
सकारात्मक प्रभाव :- वृषभ राशि, मिथुन राशि, धनु राशि, और मीन राशि के जातकों पर इस सूर्य ग्रहण का बहुत ही शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा।
नकारात्मक प्रभाव :- मेष राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, वृश्चिक राशि, और मकर राशि के जातकों पर सूर्यग्रहण नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
समय :- यह सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 तक लगेगा।
स्पर्श काल, पुण्य काल और मोक्ष काल की कुल अवधि :- इस ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है।
सूतक काल :-यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत में नहीं दिखाई देने के कारण इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। जहां दिखाई देगा वहां सूतक काल मान्य है।
सूर्य ग्रहण के दिन सभी राशि पर कोई ना कोई प्रभाव देखने को मिलेगा. लेकिन ग्रहण के विपरीत इस प्रभाव को कम करने के लिए पानी में तुलसी डालकर पिए . सूर्य ग्रहण के दिन हनुमान अष्टक हनुमान चालीसा हनुमान जी के मंत्रों का जप करना चाहिए .ऐसा करने से सभी राशि के जातकों पर शुभ फल मिलेगा.
– पानी में तुलसी डालकर पिए
– हनुमान चालीसा हनुमान जी के मंत्रों का जप करें
सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर मेष राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा. क्योंकि 20 अप्रैल को वैशाख अमावस्या का दिन है और साल का पहला सूर्य ग्रहण भी अहम हो जाता है. क्योंकि ये मेष और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा जिसकी वजह से मेष राशि के जातकों पर ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा।
तो दूसरी तरफ सूर्य ग्रहण में वृष राशि, धनु राशि, मीन राशि के जातकों के लिए शुभ प्रभाव दिखेगा। इसके अलावा मकर राशि, कन्या राशि, सिंह राशि, वृश्चिक राशि के जातकों पर उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
क्या न करें
कैंची, सुई, ब्लेड या चाकू का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए
बच्चे में शारीरिक या मानसिक विकृति हो सकती है
फल, फूल, पत्ते या लकड़ी नहीं तोड़नी चाहिए
ऐसा करने से ग्रहण दोष लगता है।
पूजा-पाठ समेत कोई भी धार्मिक या शुभ काम नहीं करना चाहिए
सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए
ग्रहण के समय राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर पड़ती है। साथ ही ग्रहण से भोजन दूषित हो जाता है। ग्रहण के समय भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। ग्रहण के दौरान खाना न पकाएं। भूख लगने पर तुलसी दल युक्त चीजें ही खाएं। ग्रहण के समय घर में रहना चाहिए। सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ समेत कोई भी धार्मिक या शुभ काम नहीं करना चाहिए। शास्त्र में ग्रहण के समय शुभ काम करने की मनाही है।
-सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर पड़ती है। साथ ही ग्रहण से भोजन दूषित हो जाता है। ग्रहण के समय भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
-ग्रहण के दौरान खाना न पकाएं। भूख लगने पर तुलसी दल युक्त चीजें ही खाएं। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी दल से राहु और केतु का प्रभाव क्षीण हो जाता है। वहीं, ग्रहण के समय घर में रहना चाहिए।
क्या न करें
-ज्योतिषियों की मानें तो गर्भवती महिलाओं को सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय कैंची, सुई, ब्लेड या चाकू का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान काटने की मनाही है। ऐसा करने से बच्चे में शारीरिक या मानसिक विकृति हो सकती है।
-शास्त्र की मानें तो गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान फल, फूल, पत्ते या लकड़ी नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण दोष लगता है।
क्या करें
-ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास नारियल रखना चाहिए। इससे ग्रहण का प्रभाव समाप्त हो जाता है। ग्रहण खत्म होने के बाद नारियल को बहते हुए जलधारा में प्रवाहित कर दें।
-गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय पेट पर गेरू लगाकर रखें। इस उपाय को करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
-ग्रहण के समय मन ही मन ईश्वर का नाम लें। गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना अधिक फायदेमंद होते है।