Steps towards the return of Multapi’s ancient glory: मुलताई का नाम बदलकर ‘मुलतापी’ करने की कवायद तेज

विधायक-नगरपालिका अध्यक्ष की कोशिशें रंग लाने को तैयार

मुलतापी के प्राचीन गौरव की वापसी की ओर कदम, पवित्र नगरी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू

विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मुलताई के धार्मिक महत्व को दिलाने की पहल

नगरपालिका ने मांगी प्राचीन मंदिरों की जानकारी, ‘मुलतापी’ को पवित्र नगरी बनाने की तैयारी

पवित्र नगरी की सुविधाओं से वंचित मुलताई के लिए नई शुरुआत

बैतूल। पवित्र नगरी मुलताई के नाम को बदलकर उसके ऐतिहासिक और धार्मिक नाम ‘मुलतापी’ करने की मांग को लेकर एक बार फिर प्रयास तेज हो गए हैं। इस बार विधायक चंद्रशेखर देशमुख और नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा गाडेकर के नेतृत्व में यह कवायद नई दिशा में बढ़ रही है। विधायक ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखते हुए मांग की है कि मुलताई को पवित्र नगरी घोषित करने की दिशा में लंबित कार्यवाही को जल्द पूरा किया जाए।

विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने अपने पत्र में 2008 के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, भोपाल के आदेश का उल्लेख करते हुए बताया कि मुलताई को पवित्र नगरी घोषित किया गया था। इसके बावजूद, उस समय प्रस्तावित सुविधाओं और विकास कार्यों का क्रियान्वयन आज तक अधूरा है। उन्होंने मुलताई का नाम बदलकर ‘मुलतापी’ करने की मांग पर जोर दिया, ताकि इस क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को पुनर्स्थापित किया जा सके।

नगर पालिका परिषद मुलताई ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए एसडीएम मुलताई से अनुरोध किया है कि वे क्षेत्र में स्थित प्राचीन मंदिरों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। इस पत्र में कहा गया है कि मुलताई क्षेत्र के 12.5 प्रतिशत हिस्से, जिसे पवित्र वार्ड के रूप में जाना जाता है, इसमें आने वाले सभी प्राचीन मंदिरों की जानकारी दी जाए। इसमें मंदिरों के नाम, उनके भू-स्वामी का विवरण, और पिछले पांच वर्षों का खसरा रिकॉर्ड शामिल है।

वर्ष 2008 में जब मुलताई को पवित्र नगरी घोषित किया गया था, तब शासन के विभिन्न विभागों द्वारा धार्मिक और सामाजिक विकास से संबंधित कार्यों को प्रस्तावित किया गया था। इसमें मंदिरों का पंजीयन और सुरक्षा, पर्यावरण सुधार, मेला ग्राउंड का विकास, संगीत और संस्कृत विद्यालय की स्थापना, और शहरी स्वच्छता की व्यवस्था शामिल थी। लेकिन इन कार्यों का क्रियान्वयन अब तक अधूरा है। नगरपालिका अध्यक्ष वर्षा गडेकर ने कहा कि पवित्र नगरी घोषित होने के बाद मिलने वाली सुविधाओं से मुलताई को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से मुलताई का नाम ‘मुलतापी’ किया जाना जनभावनाओं का सम्मान है। इस पहल से मुलताई के धार्मिक महत्व को बढ़ावा मिलेगा, इसे पर्यटन और विकास के लिए भी नई पहचान मिलेगी। श्रद्धालु इस कदम का समर्थन कर रहे हैं।

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