Sound Pollution: प्रशासन को सुनाई दिया कानफोड़ू शोर, लगाई पाबंदी

बैतूल। जिले में बोर्ड परीक्षाओं के शुरू होने के दो दिन पहले प्रशासन को विद्यार्थियों की याद आई। गली–कूचे में दिन–रात हो रहा कानफोड़ू शोर मीडिया और जनता के आक्रोश के बाद प्रशासन के कानों में गूंजा। इसके बाद अपर कलेक्टर ने कोलाहल नियंत्रण के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
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अपर कलेक्टर बैतूल श्यामेंद्र जायसवाल द्वारा
भारत सरकार, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली के पत्र का हवाला देते हुए जारी किए गए आदेश में उल्लेख किया है कि ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने भारत सरकार पर्यावरण और वन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 में ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी संबंधी मानक निर्धारित किये गये है।आगामी माह में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा एवं अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुए संपूर्ण बैतूल जिले में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 एवं म. प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 का सख्ती से पालन कराये जाने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में अनुमति प्राप्त व्यक्ति/ संस्था द्वारा भारत सरकार द्वारा बनाये गये ध्वनि प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियम 2000 में ध्वनि के संबंध में परिवेशीयायु क्वालिटी संबंधी निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि का प्रदूषण नहीं करेगा।
ध्वनि प्रदूषण यंत्र के उपयोग की अनुमति दिये जाने हेतु समस्त अनुविभागीय दंडाधिकारी / कार्यपालिक दंडाधिकारी अपने अपने क्षेत्राधिकार में सक्षम होंगे। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग हेतु दी गई अनुमति में भारत सरकार द्वारा निर्धारित परिवेशी वायु क्वालिटी मानक का स्पष्ट उल्लेख किया जायेगा। यह आदेश 25.02.2023 से बोर्ड परीक्षाओं की समाप्ति तक लागू रहेगा। उपरोक्ता शर्तों का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित व्यक्ति / संस्था के विरुद्ध ग.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 की धारा 15 के अंतर्गत दांडिक कार्यवाही की जावेगी।