कलेक्टर साहब, तवा नदी में उतर गई पोकलेन, रेत के लिए उजाड़ रहे डंगरा बाड़ी

बैतूल। लंबे समय बाद जिले की रेत खदानों का ठेका होने के बाद जिलेवासियों को रेत तो मिलने लगी लेकिन रेत ठेका होना नदियों में डंगरा बाडी लगाने वाले गरीबों के लिए परेशानी का सबब बन गया। ठेकेदार से पेटी कान्ट्रेक्टर पर रेत का ठेका लेने वाले पेटी कान्ट्रेक्टर नदियों में पोकलेन मशीन से रेत निकालने डंगराबाडी उजाड़ रहे है। इस दौरान विरोध करने पर गरीब ग्रामवासियों के साथ मारपीट कर रहे है। साथ ही जान से मारने की धमकी तक दे रहे है। शनिवार को चोपना थाना क्षेत्र के ग्राम भुमकाढाना में एक ग्रामीण के साथ जमकर मारपीट की गई जिसकी शिकायत चोपना थाना में की गई है। इसके बावजूद रेत ठेकेदार के कर्मचारियों पर कारवाई नही हुई।
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मामला चोपना थाने के ग्राम भुमका ढाना गांव का है । शनिवार रेत ठेकेदार के लोगों ने ग्रामीण के साथ जमकर मारपीट कर दी। पीड़ित रमेश दुबे ने चोपना थाना में अपनी शिकायत में बताया कि , मैं कुण्डी पंचायत का निवासी हूँ शनिवार सुबह भुमका ढाना गांव वालो के साथ अपनी डंगरा बाड़ी देखने तवा नदी गए थे। तो वहां नदी में पोकलेन मशीन से रोड बनाई जा रही थी। हमने उन्हें कहा की यहां बाड़ी है यदि यहां से रेत निकालगे तो हमे नुकसान उठाना पड़ेगा। विरोध करने पर ठेका कंपनी के कर्मचारियों ने मार पीट शुरू कर दी । मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो मोबाइल छुड़ाकर फेंक दिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि नदी के किनारे पर कई किसानों की डंगरबाड़ी लगी हुई है। पोकलेन और डंपर के कारण यदि बाड़ी नष्ट हो जाती है तो गरीब किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। चोपना थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और पीड़ित का मेडिकल कराया गया है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
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आखिर क्यों चुप है प्रशासन:
रेत के अवैध कारोबार को लेकर प्रशासन पर उंगली उठाई जा रही हैं। ठेका होने के बाद नए ठेकेदार पर भी प्रशासन की उदारता कई सवालों को जन्म दे रही है। शाहपुर के एसडीएम तमाम शिकायतों पर जांच का भरोसा देते हैं पर आज तक एक भी डंपर तो दूर ट्रैक्टर तक नही पकड़ा जा सका। खनिज विभाग के निरीक्षक काम के बोझ का ढिंढोरा पीटकर फील गुड में हैं। कलेक्टर साहब तमाम शिकायतों, मीडिया की सुर्खियों को नजर अंदाज कर रहे हैं। इन सबको लेकर प्रशासन सवालों के घेरे में है।