Shivraatri : बाबा सोमनाथ की हुई सगाई, 12 को होगा ओंकारेश्वर का टीका
शिव के अलग-अलग स्वरूप के साथ आयोजित किए जा रहे वैवाहिक कार्यक्रम
बैतूल। सदा ही भस्म रमाने वाले महादेव को अब हल्दी और चंदन का उबटन लगाया जाएगा। थाना महाकाल चौक कोठी बाजार स्थित शिवालय में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शिव विवाह की लीला हो रही है। पूरे रीति रिवाज के साथ महाशिवरात्रि पर भूत भावन, भस्म रमैया महादेव को दूल्हा और माता गौरी को दुल्हन बनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही हैं।
विवाह उत्सव के अंतर्गत शनिवार को श्री शंभू भोले उत्सव सेवा समिति द्वारा थाना महाकाल चौक कोठीबाजार स्थित शिवालय पर बाबा सोमनाथ की सगाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिलाओं ने मंगल गीत गाकर इस सगाई महोत्सव में चार चांद लगा दिए। टिकारी अखाड़ा मंदिर में गौरी माता के साथ प्रतीकात्मक बाबा सोमनाथ की सगाई हुई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। गाजे बाजे के साथ धूमधाम से सगाई की सामग्री दी गई, जिसमें 11 किलो मिठाई, साड़ी, ब्लाउज सहित श्रंगार का पूरा सामान दिया गया। इसके साथ ही 18 फरवरी तक विभिन्न पारंपरिक वैवाहिक रस्में होगी। इस दौरान भस्म रमैया को हल्दी भी लगाई जाएगी। इसे संयोग ही कहेंगे कि भस्म रमैया बाबा को अब श्रद्धालु हल्दी चंदन का उबटन लगाकर दूल्हा बनाएंगे और बारात निकालकर विवाह उत्सव में भी शामिल होंगे।
12 को ओमकारेश्वर का टीका महोत्सव, दोपहर में होंगे भजन
समिति द्वारा शिवालय को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है। शिव विवाह के खास अवसर के लिए शिव और पार्वती के लिए विशेष परिधान तैयार कराए गए हैं। भगवान शिव की बरात महाशिवरात्रि के दिन 18 फरवरी को निकलेगी। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव व मां पार्वती दाम्पत्य सूत्र में बंधे थे। लोक परम्परा के तहत ही भगवान भोलेनाथ के शादी की सभी रस्में भी पूरी की जा रही हैं। इसी क्रम में रविवार 12 फरवरी को सायं 7 बजे से शिवालय में ओमकारेश्वर का टीका होगा। इस अवसर पर दोपहर 1 बजे से शिव भजन का आयोजन भी समिति द्वारा किया जा रहा है।
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अलग-अलग स्वरूपों के साथ होगी वैवाहिक रस्में
श्री शंभू भोले उत्सव समिति द्वारा बाबा महाकाल के अलग-अलग अवतारों के साथ वैवाहिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। शनिवार को जहां बाबा महाकाल के अलग-अलग स्वरूप के अंतर्गत बाबा सोमनाथ की सगाई हुई। वहीं रविवार 12 फरवरी को ओंकारेश्वर का टीका महोत्सव होगा। इसके बाद 13 फरवरी को सुबह 10 बजे केदारनाथ की खनमिट्टी, 14 फरवरी को भीमाशंकर का मंडप, 15 को काशी विश्वनाथ की हल्दी, 16 को त्रंबकेश्वर की मेहंदी 17 को रामेश्वरम का संगीत जागरण, 18 को मल्लिकार्जुन का रुद्राक्ष महोत्सव एवं महाकाल की भव्य शिव बारात का आयोजन होगा।