Selection of ineligible people: एमपी पीईबी ने पटवारी भर्ती में किया अपात्रों का चयन
संविदा कर्मियों ने लगाया अधिकारों के हनन का आरोप
बैतूल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय के लिए वर्ष 2023 में पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इसका रिजल्ट 30 जून 2023 को आया। इसके बाद शुरू हुई दस्तावेजों की स्क्रूटनी में विभाग को पता चला पीईबी ने ऐसे लोगों को पास करके भेज दिया है जिनके पास उचित शैक्षणिक योग्यता के साथ ही संविदा कर्मचारी होने का अनुभव ही नहीं है। इस मामले में मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी संघ ने कर्मचारी चयन मंडल के संचालक को ज्ञापन प्रेषित कर वास्तविक संविदा कर्मचारी के अधिकारों के हनन का आरोप लगाया। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि पीईबी की लापरवाही और फर्जी संविदा अभ्यर्थियों के चयन से वास्तविक संविदा कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हुआ है।
चौंकाने वाली बात यह है कि मंडल द्वारा ज़ारी मेरिट और 20 गुना जारी प्रतीक्षा सूची में यह भी देखने में आया कि अधिकतर संविदा अभ्यर्थी की जन्म दिनांक 01 जनवरी 1996 के बाद की है। इतने बाद की जन्म दिनांक होकर स्नातक एवं 05 वर्षों से अधिक संविदा के पद पर कार्य करने का अनुभव होना संभव नही है।
इस प्रकार पीईबी की लापरवाही के कारण फर्जी संविदा अभ्यर्थियों के चयन से वास्तविक संविदा कर्मियों के अधिकारों का हनन हुआ है। अच्छे अंको से पास होने के बाद भी संविदा कर्मियों को मेरिट तो क्या प्रतीक्षा सूची में भी जगह नही मिल पायी है, जिससे 10 से 15 वर्ष से संविदा कर्मी के रुप में शासन को सेवा देने के बाद भी इनका भविष्य अंधकार में हो गया है। अब मामले ने तूल पकड़ लिया है। सवाल यह है कि यह कोई लापरवाही है या घोटाला। यदि लापरवाही है तो संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए और यदि घोटाला तो मामला एसटीएफ को दे दिया जाना चाहिए।
— ये है पीईबी की बड़ी गलती–
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की सबसे बड़ी गलती यह है कि उसने परीक्षा के लिए तैयार किया गया आवेदन फार्म ही गलत बनाया था। विभाग ने जो योग्यताएं मांगी थीं, उसका ध्यान ही नहीं रखा गया। अपात्र लोगों को भी परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया गया जबकि पीईबी का काम है कि वो आवेदन पत्रों की जांच करे और केवल पात्र अभ्यर्थियों को ही परीक्षा में शामिल करे। पीईबी की यह भी जिम्मेदारी है कि परीक्षा आयोजित कराने के बाद वो मैरिट लिस्ट सहित वेटिंग लिस्ट और शामिल हुए सभी अभ्यर्थियों की जानकारी विभाग को भेजे। पीईबी की लापरवाही के कारण एक तरफ विभाग को अब तक उसके कर्मचारी नहीं मिल पाए वहीं परीक्षा में बैठे योग्य उम्मीदवार अब तक बेरोजगार हैं।
— संविदा कर्मियों के लिए आरक्षित थे 20 प्रतिशत पद–
संविदा कर्मियों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए बनाई गई 05 जून 2018 की नीति अनुसार 20 प्रतिशत पद संविदा कर्मियों के आरक्षित किए गए थे। ग्रुप-2, सब ग्रुप-4 पटवारी परीक्षा 2023 पीईबी द्वारा आयोजित की गई। पीईबी द्वारा संविदा कोटे में फॉर्म भरने हेतु केवल इतना लिखा गया कि क्या आप संविदा का लाभ लेना चाहते है जिसमें बहुत से गैर संविदा कर्मी द्वारा हां कर दिया गया क्योंकि फार्म भरते समय संविदा कर्मियों की पुष्टि के लिए विभाग ने नियुक्ति दिनांक सहित किसी भी प्रकार के दस्तावेज नही मांगे थे।
— संविदा कर्मचारियों की यह है मांग —
संविदा कर्मियों की वर्तमान में यह मांग है कि सिर्फ दो काउंसलिंग न कराई जाकर जब तक आखिरी संविदा का पद नहीं भरा जाता, तब तक कम से कम 5 काउंसलिंग या प्रतीक्षा सूची के 20 गुना छात्र को बुलाकर काउंसलिंग करवाई जाए, पटवारी भर्ती की सेकेंड काउंसलिंग के पूर्व पीईबी संविदा कोटे से पास सभी अभ्यर्थी के संविदा कर्मी होने से संबंधित डॉक्यूमेंट अपलोड करवाए और फिर मेरिट व प्रतीक्षा सूची संबधीत विभाग को दे, या फिर संबंधित विभाग ने नियुक्ति हेतु जो पोर्टल तैयार किया है उसमें संविदा कोटे में पास सभी अभ्यर्थी से संविदा कर्मी होने से संबंधित दस्तावेज अपलोड करवाए जाए, उसके बाद ही सेकेंड काउंसलिंग की जाए जिससे पात्र सभी वास्तविक संविदा कर्मियों को न्याय तथा संविदा कोटे के सारे पदों की पूर्ति हो सके।