Sanskrit week organized: संस्कृत भाषा विज्ञान, संस्कृति और संस्कार की जननी: आचार्य द्विवेदी

महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान ने किया संस्कृत सप्ताह का आयोजन


संस्कृत में विश्व कल्याण, शांति, सहयोग, और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना निहित
बैतूल। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के तत्वावधान में संस्कृत सप्ताह का आयोजन 16 अगस्त से 22 अगस्त तक ई.एफ.ए. शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बैतूल गंज, बैतूल में किया गया। इस सप्ताह का समापन संस्कृत विद्वानों की बौद्धिक चर्चा के साथ हुआ, जहां आचार्य दिवाकर प्रसाद द्विवेदी ने संस्कृत भाषा की महत्ता पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल कई भाषाओं की जनक है, बल्कि यह दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा भी है। संस्कृत के शब्दों में नाद अपने शुद्ध स्वरूप में झलकता है और इसकी सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता इसे सर्वश्रेष्ठ बनाती है।
संस्कृत: एकमात्र संस्कारित भाषा
समारोह के दौरान, प्राची दीदी भारत भारती ने संस्कृत भाषा की विशेषताओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल एक स्वविकसित भाषा नहीं है, बल्कि यह संस्कारित भाषा भी है, इसीलिए इसका नाम संस्कृत है। उन्होंने महर्षि पाणिनि, महर्षि कात्यायन और योगशास्त्र के प्रणेता महर्षि पतंजलि के योगदान का उल्लेख किया, जिन्होंने कुशलता से योग की क्रियाओं को भाषा में समाविष्ट किया। प्राची दीदी ने कहा कि संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसका नाम इसके बोलने वालों पर आधारित नहीं है, बल्कि इसकी संस्कारित विशेषताओं के कारण रखा गया है।
संस्कृत भाषा: विचार, संस्कृति और विश्व कल्याण का स्रोत
वरिष्ठ अध्यापक वासुदेव काले ने संस्कृत भाषा को एक विचार, एक संस्कृति और एक संस्कार के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत में विश्व कल्याण, शांति, सहयोग, और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना निहित है। संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विचारधारा की गहरी जड़ों से जुड़ी हुई है। वासुदेव काले ने इस भाषा की व्यापकता और इसकी गहरी सांस्कृतिक जड़ों को रेखांकित किया।
संस्कृत संवाद से स्वास्थ्य लाभ
इस अवसर पर योगाचार्य नर्मदा प्रसाद मिश्रा ने संस्कृत में संवाद करने के स्वास्थ्य लाभों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में बात करने से मनुष्य का तंत्रिका तंत्र सदा सक्रिय रहता है, जिससे व्यक्ति का शरीर सकारात्मक ऊर्जा के साथ सक्रिय हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि संस्कृत में बात करने वाला व्यक्ति रक्तचाप, मधुमेह और अन्य रोगों से मुक्त रहता है। संस्कृत भाषा के इस अद्वितीय लाभ को उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित किया।
संस्कृत प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
संस्कृत सप्ताह के दौरान विद्यालय में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें संस्कृत दिनाचरण, संस्कृत गीत, व्याख्यान, श्रावणी उपाकर्म, वेद पूजन, वेदपाठ, संस्कृत शिक्षण की जानकारी, संस्कृत क्रीडोत्सव, संस्कृत प्रतियोगिता और संस्कृत संध्या कार्यक्रम शामिल थे। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने श्लोकों की प्रस्तुति दी, वहीं संस्कृत गीत, कविता, गजलिका और संस्कृत भजन में भाग लेने वाली छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन और सप्ताह भर आयोजित कार्यक्रमों में शिक्षक महेश गुंजेले का विशेष सहयोग रहा, जबकि समापन समारोह में आभार प्रदर्शन प्रभारी शिक्षक द्वारका पंवार द्वारा किया गया।

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