Opposition to the selection process of BAC and CAC posts: आदिवासी कर्मचारियों के साथ अन्याय कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक रहे अधिकारी: आशाराम धुर्वे
बैतूल। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गुरुवा पिपरिया, विकासखंड भीमपुर में पदस्थ शिक्षक आशाराम धुर्वे ने जिला शिक्षा केंद्र बैतूल में बीएसी और सीएसी पदों की चयन प्रक्रिया का विरोध करते हुए कहा कि पात्र सूची में नाम होने और सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद, उनका नाम अंतिम चयन सूची से गायब कर दिया गया। उन्होंने इसे आदिवासी कर्मचारियों के साथ अन्याय बताते हुए कहा कि अधिकारी उन्हें आगे बढ़ने से रोक रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और शासन से अपील की है कि इस भेदभाव को समाप्त कर उन्हें उनका हक दिलाया जाए। आशाराम धुर्वे ने कहा कि यदि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे उच्च अधिकारियों और प्रशासनिक स्तर पर अपनी बात रखने को मजबूर होंगे।
आशाराम धुर्वे ने बताया कि उन्होंने शासन के निर्देशानुसार बीएसी और सीएसी पद के लिए आवेदन किया था। उनका नाम पात्र सूची में शामिल हुआ, दस्तावेज सत्यापन भी हुआ और वे 30 अगस्त 2024 को आयोजित जिला काउंसलिंग में उपस्थित हुए। काउंसलिंग के दौरान उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए और पंजी में हस्ताक्षर भी किए। इसके बावजूद, 16 जनवरी 2025 को जारी चयन सूची में उनका नाम नहीं जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। जब उन्होंने इस बारे में जिला शिक्षा केंद्र और वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें केवल आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने जिला शिक्षा केंद्र से मांग की है कि आदेश क्रमांक 2025/95 के तहत चयन सूची में उनका नाम जोड़ा जाए। आशाराम धुर्वे ने कहा कि यह केवल उनका मामला नहीं है, बल्कि उन सभी आदिवासी कर्मचारियों का मुद्दा है, जिन्हें अधिकारी बनने से रोका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भेदभावपूर्ण रवैया आदिवासी समाज को आगे बढ़ने से रोकने की साजिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने शासन से इस अन्याय को समाप्त करने की मांग की है और कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो वे उच्च न्यायालय तक जाएंगे।