Noise Pollution: शादी- विवाह के मुहूर्त खत्म होने के बाद प्रशासन को सुनाई दी कानफाेड़ू आवाज

रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र पूरी तरह प्रतिबंधित किए

Noise Pollution:  पिछले कई दिन तक रात भर सड़कों पर कानफाेड़ू आवाज में डीजे, बैंड बरात और अन्य आयोजनों में धड़ल्ले से नियम कायदों को ताक पर रखकर बजते रहे लेकिन जिम्मेदारों के कानों तक उनकी गूंज पहुंच ही नहीं पाई। जब शादी विवाह के मुहूर्त समाप्त हो गए हैं तब प्रशासन को कानफोड़ू आवाज सुनाई दी। जिले के बैंड और डीजे संचालकों को तलब किया गया और उन्हें ध्वनि प्रदूषण के संबंध में जानकारी दी गई।

सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि इन आदेशों का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई कौन करेगा, आम जन यदि परेशान हो रहा है तो किस अधिकारी या कार्यालय से शिकायत करे ताकि उसकी समस्या का निराकरण हो सके इसको लेकर प्रशासन ने कोई इंतजाम किया है या नहीं इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

जन संपर्क कार्यालय से जारी प्रेस नोट के अनुसार कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि रात्रि 10 से सुबह छह बजे तक बैण्ड सहित सभी ध्वनि विस्तारक यंत्र पूरी तरह प्रतिबंधित किए गए हैं। आचार संहिता के दृष्टिगत सुबह छह से रात्रि 10 बजे तक बिना अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग नहीं किया जाएगा। नियमों का पालन न करने पर नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर सूर्यवंशी एवं पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया जिले के बैण्ड एवं डीजे संचालकों के साथ मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में ध्वनि प्रदूषण पर चर्चा की। पुलिस अधीक्षक झारिया ने संचालकों से कहा कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। निर्धारित डेसिबल से अधिक आवाज ध्वनि प्रदूषण की परिधि में आएगा। इस अवसर पर एडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव, एसडीएम राजीव कहार, तहसीलदार जीडी पाठे सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि सभी बैण्ड-वाहन पर लगे साउंड सिस्टम की डेसिबल कैपेसिटी सहित बैण्ड का पता एवं मालिक के नाम का उल्लेखित प्रमाण पत्र चस्पा किया जाएगा। जिससे बैण्ड संचालक, अधिक आवाज में बैण्ड बजवाने वालों को वह प्रमाण पत्र दिखा सकेंगे कि जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित साउंड डेसिबल कैपिसिटी से अधिक आवाज में बैण्ड बजाना दण्डनीय अपराध की श्रेणी में होगा। यह प्रमाण पत्र क्षेत्र के एसडीएम द्वारा जारी किया जाएगा।

पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया ने बताया कि ध्वनि विस्तारक यंत्र को औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 75 डेसिबल और रात में 70 डेसिबल, बाजार क्षेत्र में 65 डेसिबल दिन में और 55 डेसिबल रात में। इसी प्रकार रेसीडेंसियल क्षेत्र में 55 डेसिबल दिन में और 45 डेसिबल रात में और सायलेंस क्षेत्र में 45 डेसिबल दिन में और 40 डेसिबल से अधिक रात में नहीं बजाया जा सकता। उन्होंने कहा कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों की संख्या सीमित रखें। उन्होंने कोतवाली टीआई देवकरण डेहरिया से क्षेत्रवार बैण्ड संचालकों की सूची बनाने और वीडियो, फोटो एवं आडियोग्राफी भी कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उनकी गाड़ी पर कितने स्पीकर लगे हैं इसकी सूची भी रखने के निर्देश दिए।

सोमवार की रात 10.30 बजे एक डीजे संचालक द्वारा निर्धारित समय के बाद तेज आवाज में जेएच कालेज रोड पर डीजे बजाते हुए पुलिस ने धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। मंगलवार को बैठक में अन्य डीजे संचालकों ने कलेक्टर एवं एसपी से पहली गलती मानते हुए संबंधित डीजे संचालक माफ करने का अनुरोध किया था।इस पर उन्होंने दरियादिली दिखाते हुए उसे माफ कर दिया।

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