बुंदेलखंड की धरती पर आरोग्य और सेवा का नया युग

- हेमंत चंद्र दुबे 'बबलू' 75 कदम, 99 दिन, 75 कर्तव्य

बुंदेलखंड की धरती पर आरोग्य और सेवा का नया युग
– हेमंत चंद्र दुबे ‘बबलू’
75 कदम, 99 दिन, 75 कर्तव्य
बुंदेलखंड की पावन भूमि पर बालाजी महाराज की कृपा से मानवता और इंसानियत के मंदिर के रूप में कैंसर अस्पताल का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत महात्माओं की पावन उपस्थिति में इसकी आधारशिला रखी। यह केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि पीड़ित मानवता के लिए एक वरदान है, जो आध्यात्मिक ज्ञान और विज्ञान के समन्वय से सेवा का मार्ग प्रशस्त करेगा।
हमारी यह ऐतिहासिक भूल रही कि हमने अपने मठ-मंदिरों को केवल पूजा-पाठ और प्रवचनों तक सीमित रखा, जबकि इन्हें मानवता की सेवा का केंद्र भी बनाना चाहिए था। लेकिन अब, यह कमजोरी दूर की जा रही है। आज, हमारे संत-महात्मा समाज की भलाई के विषयों पर विचार कर रहे हैं और स्वास्थ्य व पर्यावरण संरक्षण को लेकर नए अभियान खड़े कर रहे हैं। सरकार भी इन प्रयासों में उनका पूरा सहयोग कर रही है।
कैंसर के उपचार से अधिक आवश्यक है उसके कारणों और कारकों को समाप्त करना। हमारे संत-महात्मा इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि लाखों-करोड़ों भक्त उनकी वाणी को सुनते और पालन करते हैं। वे न केवल जनजागरूकता फैला सकते हैं, बल्कि सरकारी नीतियों को भी प्रभावित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी संतों का सम्मान करते हैं और उनकी बातों को सुनते हैं। अतः यह आवश्यक हो गया है कि वे कैंसर जैसी घातक बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ठोस नीतियां बनवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
पहले, मिशनरी संस्थाएं समाज सेवा में आगे थीं और हम केवल उनकी आलोचना कर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते थे। लेकिन अब समय आ गया है कि हम भी मिशनरी की भांति मिशन पर काम करें – मानवता और इंसानियत के मिशन पर! बागेश्वर धाम महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से आग्रह है कि वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ मिलकर ऐसी नीतियां बनवाने की कृपा करें, जिससे कैंसर को जड़ से समाप्त किया जा सके। हमारा लक्ष्य केवल कैंसर अस्पताल बनाना नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे किसी को कैंसर हो ही न। हम चाहते हैं कि हमारे धार्मिक स्थलों में भक्तों के खिलखिलाते चेहरे भक्ति में लीन दिखें, न कि अस्पतालों में पीड़ित और मुरझाए हुए चेहरे।
आइए, हम सब मिलकर इस दिशा में आगे बढ़ें और एक स्वस्थ, कैंसर मुक्त, पॉलीथिन मुक्त समाज की स्थापना करें। यही सच्ची मानव सेवा होगी, यही सबसे बड़ा धर्म है!
एक संवाद प्रति सोमवार
नमस्ते सदा वत्सले मातृ भूमि मिशन _कैंसर मुक्त पॉलीथिन प्लास्टिक मुक्त बैतूल की ओर बढ़ते कदम, बुंदेलखंड में कैंसर अस्पताल के निर्माण में दिल खोल के सहयोग और मदद प्रदान करे _साथ बच्चो को और किसी को भी कैंसर न हो इस दिशा में अवश्य अपने विवेक का उपयोग करे, भगवान ने हमे बुद्धि और विवेक दिया है उसका उपयोग मानवता इंसानियत के लिए करने की कृपा करें।

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