Multai Tapti rever:ताप्ती नदी का उद्गम स्थल नाला घोषित, जांच में सामने ही सच्चाई
प्रशासनिक लापरवाही से 100 साल पुराने रिकॉर्ड में हुई गड़बड़ी
बैतूल। करोड़ों भक्तों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक मां ताप्ती उद्गम स्थल को बैतूल के राजस्व विभाग ने अपने रिकॉर्ड में नाला घोषित कर दिया है। यह खुलासा तब हुआ जब भक्तों के अनुरोध पर शंकराचार्य जी ने प्रशासन को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाई। जांच में पता चला कि इस ऐतिहासिक और पवित्र स्थल को नाले के रूप में दर्ज किया गया है और यहां भारी अतिक्रमण भी हो चुका है।
राष्ट्रीय हिंदू सेना के प्रदेशाध्यक्ष दीपक मालवी ने बताया कि ताप्ती भक्तों ने शंकराचार्य जी से मुलाकात कर इस मामले को उठाने की अपील की थी। उन्होंने शंकराचार्य जी को उद्गम स्थल की दयनीय स्थिति के बारे में अवगत कराया, जहां व्यापारी और स्थानीय रहवासियों ने अतिक्रमण कर रखा है। भक्तों की शिकायत पर शंकराचार्य जी ने बैतूल प्रशासन को पत्र लिखा, जिसमें ताप्ती नदी को उचित दर्जा देने और अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी। श्री मालवी ने बताया कि शंकराचार्य जी के पात्र को भोपाल और दिल्ली के उच्च अधिकारियों सहित स्थानीय प्रशासन को प्रेषित किया गया है।
ताप्ती भक्तों का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड में यह गलती पिछले 100 साल से चली आ रही है। उन्होंने अपने आवेदन के साथ पुराने दस्तावेज भी प्रस्तुत किए, जिनमें इस स्थल को मां ताप्ती नदी का उद्गम स्थल बताया गया है। इसके बावजूद, इसे नाले के रूप में दर्ज करना प्रशासन की लापरवाही और आस्था का अपमान है। भक्तों ने आरोप लगाया कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उद्गम स्थल को पवित्र नगरी घोषित करने की बजाय इसे व्यावसायिक अतिक्रमण का शिकार बना दिया गया है। भक्तों ने मांग की है कि इस स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किया जाए और इसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल के रूप में संरक्षित किया जाए।
मां ताप्ती का नाम सम्मानजनक तरीके से दर्ज किया जाएगा: तहसीलदार अनामिका सिंह
मुलताई तहसीलदार अनामिका सिंह ने ताप्ती भक्तों को आश्वासन दिया है कि पुराने रिकॉर्ड में जो भी त्रुटियां हैं, उन्हें सुधार कर मां ताप्ती का नाम सम्मानजनक तरीके से दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सही दस्तावेज तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं और जल्द ही इस मामले का निराकरण होगा। ताप्ती भक्तों का कहना है कि यह आस्था और संस्कृति से जुड़ा मामला है। जब तक मां ताप्ती को उनका सही दर्जा और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक भक्त आंदोलन जारी रखेंगे।