विषाक्त मध्यान्ह भोजन:बच्चों की हालत में सुधार, विधायक की मांग मीनू से कढ़ी हटाएं

बैतूल। घोड़ाडोंगरी ब्लाक के उमरी गांव में प्राथमिक स्कूल और आंगनबाड़ी के 31 बच्चों की विषाक्त भोजन के बाद गुरुवार को हालत बिगड़ गई थी। उन्हें घोड़ाडोंगरी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को सभी की हालत सामान्य होने पर छुट्टी दे दी गई है। इस मामले में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है।
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जिले में भाजपा के एकमात्र विधायक डा योगेश पंडाग्रे ने बच्चों और उनके परिजनों से अस्पताल पहुंचकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यान्ह भोजन के मीनू से कढ़ी को हटाना चाहिए। अक्सर दही कई दिन पुराना हो जाता है जिससे फूड प्वाइजनिंग हो जाती है। विधायक ने जब बच्चों से पूछताछ की तो उनके द्वारा बताया गया कि कढी का स्वाद खराब लग रहा था। सवाल यह है कि बच्चों को पराेसने के पहले स्कूल के शिक्षक और रसोईया को पूरा भोजन स्वयं चखना अनिवार्य है। यदि बच्चों को स्वाद खराब लगा था तो क्या रसोईया और शिक्षक को चखने पर कुछ समझ नहीं आया या फिर उनके द्वारा चखने तक की जहमत नहीं उठाई गई। प्रशासन को इन सवालों के जवाब जरूर खोजने होंगे।
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दरअसल छतरपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम उमरी के प्राथमिक स्कूल के 19 बच्चे और आंगनबाड़ी के 12 बच्चे मध्यान्ह भोजन के खाने के बाद बीमार हो गए थे। सभी को उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ घबराहट हो रही थी। शाम को जब एक के बाद एक सारे बच्चे बीमार हो गए तो आनन-फानन में प्रशासन को खबर दी गई। इसके बाद देर रात तक सभी बच्चों को अस्पताल लाकर भर्ती किया गया। बीएमओ ने बताया कि सभी बच्चों के स्वस्थ होने पर आज उन्हें छुट्टी दे दी गई है।




