भीमपुर अस्पताल की देखभाल से नन्हीं महेश्वरी को मिली नई जिंदगी
दिहाड़ी मजदूर की बेटी ने अस्पताल में पाई नई जिंदगी, डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई
बैतूल। जिले के विकासखंड भीमपुर के ग्राम दाबिदा निवासी प्रेमती और रामू सलामे की बेटी महेश्वरी की सेहत में चमत्कारी सुधार आया है। महेश्वरी का जन्म 14 अक्टूबर 2023 को घर पर हुआ था और जन्म के समय उसका वजन 2.500 किलोग्राम था। दिसंबर में उसे तेज बुखार आया, लेकिन माता-पिता ने घरेलू इलाज पर ही भरोसा किया। मजदूरी करने वाले माता-पिता आर्थिक स्थिति के कारण अस्पताल नहीं जा सके, जिससे बच्ची की हालत बिगड़ती चली गई।
गांव की आशा कार्यकर्ता सुनीता उइके और एएनएम अंजनी परते ने परिवार को समझाया कि महेश्वरी को गंभीर बीमारी हो सकती है और इलाज जरूरी है। कई बार समझाने के बाद आखिरकार 23 जनवरी 2025 को महेश्वरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमपुर में भर्ती कराया गया।
भर्ती के समय महेश्वरी का वजन 3.860 किलोग्राम था और उसका एमयूएसी 8.5 सेंटीमीटर था। बच्ची को 103 डिग्री बुखार और एनीमिया था। अस्पताल में उसका सुगर, मलेरिया, सीबीसी, सिकल सेल और एचआईवी जैसी सभी जरूरी जांचें करवाई गईं, जो सामान्य आईं। चूंकि उसकी भूख कमजोर थी, इसलिए एनआरसी गाइडलाइन के अनुसार उसे एफ-75 थैरेप्यूटिक डाइट दी गई।
एनआरसी की पोषण प्रशिक्षक ज्योति तुमराम और एएनएम प्रेमलता राठौर की देखरेख में महेश्वरी को हर दो घंटे में फीड दिया गया और उसके लिए नौ तरह की दवाइयों का कोर्स 15 दिनों तक चला। शुरुआत में बच्ची उपरी आहार को पचा नहीं पा रही थी, लेकिन डॉक्टरों ने उचित इलाज कर इसे ठीक किया। धीरे-धीरे महेश्वरी का वजन बढ़ने लगा।
लगातार 22 दिन अस्पताल में रहने के बाद 13 फरवरी 2025 को महेश्वरी को छुट्टी दे दी गई। डिस्चार्ज के समय उसका वजन 4.780 किलोग्राम और एमयूएसी 9.01 सेंटीमीटर था। घर लौटने के बाद भी एएनएम, आशा और सहयोगी कार्यकर्ताओं ने महेश्वरी की सेहत पर ध्यान बनाए रखा। सफाई और पोषण से जुड़ी जरूरी सलाह दी गई और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को हर 15 दिन में फॉलोअप करने के निर्देश दिए गए। बेटी की सेहत में सुधार देखकर महेश्वरी के माता-पिता ने डॉक्टर दीपक निगवाल, एनआरसी स्टाफ और सभी स्वास्थ्य कर्मियों का आभार जताया।