Illegal Coal Mining : भोपाल और नर्मदापुरम के कोल तस्करों ने बैतूल में बिछाया जाल, ब्लास्टिंग कर निकाला जा रहा काला सोना
पुलिस, प्रशासन और खनिज विभाग को आखिर क्यों नजर नहीं आ रहा अवैध कोयले का खेल
Illegal Coal Mining : बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में तवा नदी के किनारे से अवैध कोयला खनन का खेल शुरू हो गया है। सूत्रों का दावा है कि इसमें भोपाल और नर्मदापुरम के कोल तस्करों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर अपना जाल बिछा लिया है।हालत यह है कि अवैध रुप से कोयले की खदानें बनाकर उनमें ब्लास्टिंग की जा रही है और काला सोना बाहर निकालकर हर दिन ट्रक में भरकर भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन और अन्य जिलों में भेजा जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोल तस्करों के द्वारा तवा नदी के किनारे ग्राम डुल्हारा, तवाकाठी, गोल्हई में अपना जाल बिछा लिया है। इन स्थानों से हर दिन दो से तीन ट्रक कोयला अवैध रुप से निकालकर तस्करी की जा रही है। कोयले के इस अवैध कारोबार पर पूर्व में स्थानीय लोगों का कब्जा था लेकिन पूर्व कलेक्टर ने सख्ती करते हुए इसे बंद करा दिया था। इसके बाद अब दूसरे जिले के कोल तस्करों ने कोयले का काला कारोबार शुरू कर दिया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि अवैध रूप से कोयले की खदानें बनाकर कोयला निकालने के लिए प्रसिद्ध इन क्षेत्रों में ब्लास्टिंग तक की जा रही है और स्थानीय पुलिस या प्रशासन के अधिकारियों को धमक तक महसूस क्यों नहीं हो रही है यह बड़ा सवाल है। ट्रकों में भरकर कोयला जिले की सीमा से बेखौफ बाहर भेजा भी जा रहा है लेकिन कहीं पर भी इनकी न तो जांच हो रही है और न ही कोई रोकटाेक हो रही है।
खनिज विभाग का अमला भी घर बनाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली से गिट्टी या रेत लाने वालों को पकड़कर अपनी वाहवाही लूट रहा है लेकिन कोयले का अवैध उत्खनन कर उसका परिवहन करने वालों को क्लीन चिट दे रहा है। सूत्रों की मानें तो कोयले के इस कारोबार में पूर्व में शामिल स्थानीय माफिया का भी पूरा संरक्षण प्राप्त है इसी वजह से दूसरे जिले के तस्करों ने बेखौफ होकर अपना कारोबार प्रारंभ कर दिया है। प्रशासन जांच करे तो सारा सच सामने आ जाएगा कि तस्कर कहां के हैं और किनके संरक्षण में काला सोना का अवैध कारोबार कर रहे हैं।